गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से की अडानी की आलोचना बंद करने की अपील

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गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से की अडानी की आलोचना बंद करने की अपील

गौरव वल्लभ ने रविवार को एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने कांग्रेस हाई कमांड से उद्योगपति गौतम अडानी की आलोचना बंद करने की अपील की है। उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका के हिंडनबर्ग द्वारा किए दावों में अडानी को क्लीन चिट दे दी गई है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पास दिन रात केवल अंबानी और अडानी का ही मुद्दा रहता है। मैंने एक बार प्रेस कॉन्फेरेंस में अदाणी के खिलाफ संदर्भ दिए थे, लेकिन सेबी की तरफ से अदाणी को क्लीन चिट दिए जाने के बाद से ही मैंने उनके बारे में कोई भी टिप्पणी नहीं की। मैंने कांग्रेस नेताओं को भी सलाह दी कि सेबी द्वारा क्लीन चिट देने के बाद वे अडानी की आलोचना करना बंद कर दें।”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन करगे और सांसद राहुल गांधी को कई बार अंबानी और अदाणी की आलोचना करते हुए देखा गया है। उन्होंने देश के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपति पर केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुचित लाभ प्राप्त करने का भी आरोप लगाया है।

कांग्रेस द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने पर बोले गौरव वल्लभ

गौरव वल्लभ ने आगे बताया कि 22 जनवरी को आयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद उन्होंने टीवी साक्षात्कार में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया था।

मीडिया से बात करते हुए गौरव वल्लभ ने कहा, “जब से मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, तब से लगातार ही मैं यह कह रहा हूं कि मैंने अपने पूर्व वरिष्ठ नेताओं से बार-बार कहा कि सनातन धर्म के विरोध में हम चुप नहीं रह सकते हैं। जिस दिन कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया, उस दिन से मैंने टेलीविजन शो और बहस में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया था।”

वल्लभ ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का बिना नाम लिए उनपर निशाना साधा। भाजपा नेता ने कहा “कांग्रेस का घोषणापत्र 30 वर्षों से एक ही व्यक्ति (चिदंबरम) द्वारा तैयार किया जा रहा है। अगर उनकी (चिदंबरम) के विचारों और सुझावों में दम होता तो कांग्रेस 42 और 52 सीटों के बीच नहीं गिरती।”

गौरव वल्लभ ने आगे कहा कि कांग्रेस जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के मुद्दों को नहीं समझती है। बता दें कि गौरव वल्लभ 2019 लोकसभा चुनाव में उदयपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन भाजपा उम्मीदवार से 32,000 वोटों के अंतर से हार गए थे।

-एजेंसी