उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक खाली हुई सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी कैंडिडेट दिनेश शर्मा निर्विरोध चुन लिए गए हैं। इस सीट के लिए केवल दिनेश ने ही नामांकन दाखिल किया था। उनके अलावा किसी अन्य ने पर्चा ही नहीं भरा। इस वजह से आज नतीजों की औपचारिक घोषणा हो गई है। और राज्यसभा सांसद के तौर पर दिनेश शर्मा 3 बजे निर्वाचन पत्र लेने के लिए विधानसभा जाएंगे।
डॉक्टर दिनेश शर्मा ने गत 5 सितंबर को राज्यसभा की एक खाली सीट के लिए पीठासीन अधिकारी अजीत शर्मा के सामने नामांकन किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ बीजेपी के अन्य नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। इस सीट का कार्यकाल नवंबर 2026 तक के लिए है।
जमीनी स्तर पर राजनीति करने वाले दिनेश शर्मा छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने राजनीति में संघर्ष के जरिए लखनऊ के मेयर से लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। योगी सरकार में डेप्युटी सीएम रहे दिनेश को अब पार्टी की तरफ से राज्यसभा में भेजा गया है।
केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से डॉक्टर दिनेश शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी गई। भाजपा ने इस कदम से यूपी के ब्राह्मण वोट बैंक को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
सीनियर भाजपा नेता हरिद्वार दुबे के निधन की वजह से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है। वह 72 साल के थे। शर्मा के एकमात्र प्रत्याशी होने की वजह से उन्हें जीत का प्रमाणपत्र दे दिया गया। किसी और उम्मीदवार के होने की स्थिति में 15 को मतदान और नतीजे आते।
Compiled: up18 News