ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीनी ड्रैगन पर जोरदार प्रहार किया। चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच इन दिनों तलवारें खिंची हुई हैं और दोनों ही देश एक-दूसरे पर वार और पलटवार कर रहे हैं। पिछले दिनों चीन ने ऑस्ट्रेलिया के ऑकस डील के खिलाफ प्रस्ताव आईएईए में पेश किया था जिसे भारत ने अपनी कूटनीति सूझबूझ से विफल कर दिया था। अब भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने चीनी ड्रैगन की हिंद महासागर में मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कोई देश किसी दूसरे देश की नौसैनिक ताकत का आंकलन इस आधार पर करता है कि उसका इरादा क्या है, वह क्या संदेश देना चाहता है, उसका व्यवहार कैसा है और वह कितना पारदर्शी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंद महासागर में विभिन्न देशों की नौसैनिक उपस्थिति से सुरक्षा बढ़ी है। ऑकस डील पर जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया का समर्थन करते हुए कहा कि आईएईए डायरेक्टर जनरल ने निष्पक्ष आंकलन किया कि क्या पूरा मामला है और हमने उसका सम्मान किया। साथ अन्य सदस्य देशों से भी ऐसा करने के लिए कहा।’
हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी देश हावी हो: ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेन्नी वोंग ने कहा कि भारत के साथ रिश्ता ऑस्ट्रेलिया के इस पूरे इलाके को आकार देने की योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यूक्रेन के मुद्दे पर भी ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हम पुतिन के साथ पीएम मोदी के चिंता जताने का स्वागत करते हैं और जैसाकि भारतीय पीएम ने कहा कि यह समय युद्ध करने का नहीं है।’ पेन्नी वोंग ने चीन की ओर संकेत देते हुए कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी देश हावी हो और न ही कोई भी देश किसी दूसरे देश के वर्चस्व का शिकार हो।
वोंग ने ऑकस डील पर यह भी कहा कि हमारे देश की परमाणु बम बनाने की योजना नहीं है। भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों ही देशों ने मिलकर चीन को बड़ा झटका दिया है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के परमाणु पनडुब्बी खरीदने के लिए किए गए ऑकस समझौते पर चीन की चाल को फेल कर दिया था। ऑकस डील के तहत ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका और ब्रिटेन के सहयोग से परमाणु पनडुब्बी मिलनी है। चीन ने इस डील को परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन बताया था। उसने आईएईए की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे।
-एजेंसी