आतंकी फंडिंग के ख़िलाफ़ सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने तक हम रुकने वाले नहीं

Exclusive

इस दौरान पीएम मोदी ने भारत पर हुए आतंकी हमलों, विश्व के समक्ष चुनौती और आतंक से निपटने के तरीक़ों तक पर बात की.

पीएम मोदी ने कहा, ”ये महत्वपूर्ण है कि ये सम्मेलन भारत में हो रहा है. जब दुनिया ने आतंक को गंभीरता से लेना शुरू किया उससे पहले से हमारे देश ने आतंक की भयावहता झेली है.”

‘दशकों के दौरान आतंकियों ने अलग-अलग नामों और रूपों में भारत को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश की है. हमने हज़ारों कीमती जानें खो दी हैं. हमने आतंक का साहस के साथ मुक़ाबला किया है.”

”हम मानते हैं कि एक हमला भी बहुत ज़्यादा है. यहां तक कि एक ज़िंदगी का जाना भी बहुत ज़्यादा है. तो आतंक के जड़ से उखड़ने तक हम रुकने वाले नहीं हैं.
पीएम ने इस दौरान परोक्ष तौर पर ये बात भी उठाई की सभी आतंकी हमलों को लेकर देशों की प्रतिक्रिया एक जैसी नहीं होती है.

पीएम ने कहा, ”आतंक का खासतौर से गरीबों पर और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय में बहुत बुरा असर पड़ता है. वैसे तो दुनिया को आंतकवाद के ख़तरे याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है. फिर भी कुछ हलकों में आतंकवाद को लेकर गलत धारणाएं हैं.”

”अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस बाद पर निर्भर नहीं हो सकती कि हमला किस जगह हुआ है. सभी आतंकी हमलों का समान तरह से विरोध और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. सिर्फ़ एकसमान, एकीकृत और ज़ीरो-टॉलेरेंस का नज़रिया ही आतंकवाद को हरा सकता है.”

उन्होंने कहा, ”हमें आतंकियों के पीछे लगे रहना चाहिए, उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और वित्त स्रोतों पर हमला करना चाहिए. हम जानते हैं कि आतंकी संगठनों को कई स्रोतों से पैसे मिलते हैं. एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है. कुछ देश अपनी विदेशी नीति के तौर पर आतंक का समर्थन करते हैं. वो उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहयोग प्रदान करते हैं. आतंक के विरुद्ध लड़ाई में संगठित अपराध के ख़िलाफ़ कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है.”

”ये अहम है कि हम कट्टरता और अतिवाद की समस्या के ख़िलाफ़ एकजुट हों. जो भी कट्टरता का समर्थन करता हो उसके लिए देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए.”
इस सम्मेलन में कई देशों ने हिस्सा लिया है. हालांकि, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान इसमें शामिल नहीं हुए हैं.

Compiled: up18news