जी-20 सम्मेलन में पुतिन और जिनपिंग के न आने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने दी प्रतिक्रिया

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एक निजी टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में जयशंकर से पूछा गया कि पुतिन के ना आने की पुष्टि हो चुकी है और जिनपिंग के भी न आने की ख़बरें आ रही हैं. ऐसे में क्या जी-20 के सम्मेलन में किसी नए फैसले या पहल का ऐलान हो सकता है?

इस पर जयशंकर ने कहा, ”जी-20 के कामकाज के तरीकों को समझना जरूरी है. इसमें सदस्य देशों के मंत्रियों, सिविल सोसाइटी, गैरसरकारी संगठनों और विशेषज्ञों की लगातार बैठकें होती हैं. कम से कम 200 बैठकें होती हैं. और फिर इनका सार एक जगह रखा जाता है. फिर इसमें आने वाले बड़े आइडिया और उन्हें लागू करने पर बात होती है. एक्शन प्लान बनते हैं. समस्याओं के नए समाधान क्या होंगे, इस पर चर्चा होती है. जी-20 2008 के वित्तीय संकट से पैदा हालात से निपटने के लिए बनाया गया था.”

जयशंकर बोले, ”हम बैठक में ग्रोथ और दुनिया की दूसरी समस्याओं से निपटने पर विचार करेंगे. इसलिए ये सवाल अहम नहीं है कि यहां आकर कौन सम्मेलन में भाग ले रहा और कौन नहीं. याद रखिए कि जी-20 के हर देश का प्रतिनिधित्व हो रहा है. उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा, ये उनका फैसला है.”

जयशंकर ने कहा, ”अलग-अलग देशों की अपनी जरूरतें हो सकती हैं. उनका अपना कार्यक्रम हो सकता है. कूटनीति में उनके इस फैसले का सम्मान होना चाहिए. मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि हर सदस्य देश यहां आएगा और पूरी गंभीरता से इसमें हिस्सा लेगा.”

Compiled: up18 News