शेयर बाजार: दिसंबर में विदेशी निवेशक अब तक झोंक चुके हैं करीब चार अरब डॉलर

Business

अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व ने अगले साल ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है। इससे पिछले हफ्ते भारतीय बाजारों में जबदस्त तेजी रही। इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 8.55 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 357.78 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

अधिकांश जानकारों का कहना है कि घरेलू और ग्लोबल फैक्टर्स के कारण भारत में निकट भविष्य में पूंजी का प्रवाह जारी रहने की उम्मीद है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज की चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत एफपीआई के लिए टॉप इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन है। ग्लोबल इन्वेस्टिंग कम्युनिटी में यह आम राय है कि भारत में उनके लिए सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं।

Emkay Global Financial के कृष्ण कुमार कड़वा ने कहा कि दुनिया में ब्याज दरों में गिरावट शुरू होने के साथ ही अमेरिका से दूसरे देशों को फ्लो शुरू हो जाएगा और भारत को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।

कैसी रहेगी बाजार की चाल

जानकारों का कहना है कि घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में अगले हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझान और FPI की गतिविधियों से तय होगी। ऊंचे मूल्यांकन की वजह से निकट अवधि में बाजार में कुछ गिरावट आ सकती है।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘पिछला सप्ताह मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत घटनाक्रम से प्रभावित था। अब सभी का ध्यान बैंक ऑफ जापान के नीतिगत फैसले पर है, जिसकी घोषणा 19 दिसंबर को होगी।’ मीणा ने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल के दाम और अमेरिका, चीन के वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि तकनीकी रूप से अत्यधिक खरीद की स्थितियों के कारण निकट अवधि में बाजार नीचे आ सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बाजार के लिए निकट अवधि का दृष्टिकोण तेजड़ियों के पक्ष में बना हुआ है।

विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक खबरों मसलन सितंबर तिमाही में जीडीपी की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर, विनिर्माण पीएमआई के बढ़कर 56 तक पहुंचने, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम घटकर 76 डॉलर प्रति बैरल तक आने और एफपीआई की लिवाली से बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं।

पिछले हफ्ते का हाल

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 1,658.15 अंक या 2.37 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 487.25 अंक या 2.32 प्रतिशत चढ़ गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 969.55 अंक या 1.37 प्रतिशत उछलकर 71,483.75 के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,091.56 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 71,605.76 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।

शुक्रवार को सेंसेक्स पहली बार 71,000 अंक के पार बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 273.95 अंक या 1.29 प्रतिशत चढ़कर 21,456.65 के अपने नए शिखर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 309.6 अंक या 1.46 प्रतिशत बढ़कर 21,492.30 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गया।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों से सकारात्मक संकेतकों के कारण बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

मजबूत घरेलू औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण पीएमआई आंकड़ों के साथ जीडीपी पर रिजर्व बैंक की सकारात्मक टिप्पणी की वजह से बाजार ऊंचाई पर पहुंचा। अमेरिका में बॉन्ड पर यील्ड घटने और फेडरल रिजर्व के 2024 में नीतिगत दर में कई बार कटौती करने के संकेतों से बाजार को बढ़ावा मिला है।’ उन्होंने कहा कि ऊंचे मूल्यांकन और अल नीनो को लेकर चिंता की वजह से निकट अवधि में बाजार में कुछ ‘गिरावट’ आ सकती है।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.