असम में जारी है बाढ़ का कहर, 222 गाँव हुए प्रभावित, 10 हज़ार एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न

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गुवाहाटी: एक तरफ जहा मंदिर मस्जिद की खबरे आप पल पल के अपडेट की तरह देख रहे है। वही दूसरी तरफ हमारे प्यारे मुल्क में एक सूबा बाढ़ के कहर से जूझ रहा है। असम में बाढ़ ने अपना कहर बरपा कर रखा है। इस बाढ़ ने जहा 222 गाँवों की 10 हज़ार एकड़ से अधिक कृषि भूमि को जलमग्न कर दिया है। वही 2 लाख जनता के जीवन में अपना असर दिखाया है। हर साल की तरह मुसीबत का सबब बनी बाढ़ के कारण 15 राजस्व मंडल प्रभावित हुवे है।

हर साल की तरह इस बार भी असम में बाढ़ ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, असम में बाढ़ की वजह से सात जिलों में लगभग 2 लोगों की जिन्दगी प्रभावित हुई है। बाढ़ से 15 राजस्व मंडलों के लगभग 222 गांव प्रभावित हैं और लगभग 10321।44 हेक्टेयर खेती की भूमि बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गई है। इस प्राकृतिक आपदा के दौरान एक मासूम बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। साथ ही 1,434 जानवर भी प्रभावित हुए हैं और अब तक कुल 250 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

असम में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ जिले का हाफलोंग स्टेशन पूरी तरह पानी में डूब गया है। बाढ़ में डूबे इस स्टेशन का वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे बाढ़ के पानी के बहाव के कारण स्टेशन पर खड़ीं ट्रेनें भी पटरी से पलट गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन में बताया गया कि बाढ़ से लगभग 1,97,248 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से होजई में 78,157 और कछार में 51,357 लोग प्रभावित हुए हैं।

सेना, अर्धसैनिक बलों, एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे है। होजई, लखीमपुर और नगांव जिलों में कई सड़कें, पुल और सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हो गईं। लगातार बारिश के कारण शनिवार को दीमा हसाओ जिले के 12 गांवों में भूस्खलन हो गया था। बड़े पैमाने पर असम में भूस्खलन और जलभराव के कारण इस पहाड़ी इलाके में रेलवे ट्रैक, पुलों और सड़क संचार को भी भारी नुकसान हुआ है।

एनएफ रेलवे ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि लुमडिंग डिवीजन के लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में कई स्थानों पर लगातार बारिश, भूस्खलन और जलभराव को देखते हुए, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने इस गंभीर स्थिति के कारण खंड पर ट्रेन सेवाओं में बदलाव किया। हालांकि, दो ट्रेनें फंस गईं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1400 यात्री थे, रेलवे ने वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), असम राइफल्स और स्थानीय लोगों की मदद से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया है।

रेलवे ने एक बयान में कहा कि दितोकचेरा स्टेशन पर फंसे लगभग 1,245 रेल यात्रियों को बदरपुर और सिलचर लाया गया है और 119 यात्रियों को भारतीय वायु सेना ने सिलचर पहुंचाया है। रेलवे फंसे हुए यात्रियों को बचाने के प्रयास में स्वच्छता का ध्यान रख रहा है और प्रत्येक यात्री के लिए चिकित्सा सुविधा भी सुनिश्चित कर रहा है। इसके साथ ही उन्हें खाने-पीने का पानी भी मुहैया कराया गया है। मंदिर मस्जिद की खबरों के बीच आप ऐसी बड़ी खबरों को नही जान पा रहे है। जुड़े रहे हमारे, हम दिखाते है “खबर वही,जो हो सही।” ताकि सच जिंदा रहे और सच आप तक पहुचे।

-तारिक़ आज़मी