दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका को तगड़ा झटका, Fitch ने घटाई रेटिंग

INTERNATIONAL

दुनियाभर के इनवेस्टर्स निवेश के लिए क्रेडिट रेटिंग्स को बेंचमार्क मानते हैं। इससे पता चलता है कि किसी कंपनी या सरकार के इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाने में कितना जोखिम है। अमेरिकी सरकार के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश को सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसकी इकॉनमी का साइज दुनिया में सबसे बड़ी है और उसमें दूसरे देशों के बजाय ज्यादा स्थिरता है लेकिन इस साल सरकार की उधारी को लेकर भारी राजनीतिक गतिरोध देखने को मिला था।

जून में सरकार डेट सीलिंग को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर करने में कामयाब रही लेकिन उससे पहले भारी राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला। इसके चक्कर में अमेरिका पहली बार डिफॉल्ट होने के कगार पर पहुंच गया था।

क्या होगा असर

फिच के अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने का व्यापक असर हो सकता है। इससे मोर्टेगेज रेट्स पर असर हो सकता है। इससे इनवेस्टर्स अमेरिकी ट्रेजरीज को बेच सकते हैं। इससे यील्ड में बढ़ोतरी होगी जिससे सबकुछ महंगा हो सकता है। कई तरह के लोन के इंटरेस्ट रेट्स में इसे रेफरेंस माना जाता है। इससे पहले 2011 में एसएंडपी ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाई थी।

Moody’s Investors Service ने अमेरिका को 1917 में एएए रेटिंग दी गई थी जिसे परफेक्ट क्रेडिट रेटिंग माना जाता है। 2011 तक उसके पास यह रेटिंग बनी रही। फिच के रेटिंग घटाने के बाद अमेरिका ऑस्ट्रिया और फिनलैंड के बराबरी पर आ गया है लेकिन स्विट्जरलैंड और जर्मनी से नीचे हो गया है। एसएंडपी ने अमेरिकी रेटिंग को 2011 के बाद से AA+ पर रखा गया है जबकि मूडीज ने इसे AAA बनाए रखा है।

फिच का कहना है कि डेट सीलिंग बढ़ाने को लेकर बार-बार हो रहे राजनीतिक गतिरोध के कारण देश के फिस्कल मैनेजमेंट में दुनिया का भरोसा डगमगाया है। 2023 में सरकार का घाटा जीडीपी के 6.3 परसेंट पहुंचने का अनुमान है जो 2022 में 3.7 परसेंट था। साथ ही डेट टु जीडीपी रेश्यो भी बढ़ने की आशंका है। बढ़ती ब्याज दरों के कारण ब्याज महंगा हो गया है। 2017 में किए गए टैक्स कट्स की मियाद 2025 में पूरी हो रही है। इससे आगे दबाव और बढ़ सकता है।

कितना है कर्ज

फिच का कहना है कि फेड रिजर्व सितंबर में ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी कर सकता है। इससे रेटिंग्स पर और दबाव आ सकता है। फिच ने साथ ही आगाह किया है कि अगर सरकार खर्च से जुड़े मुद्दों और मैक्रोइकनॉमिक पॉलिसी का समाधान करने में नाकाम रहती है तो आने वाले दिनों में देश की रेटिंग और नीचे जा सकती है। 2033 तक देश की कुल कर्ज बढ़कर जीडीपी का 118 परसेंट पहुंचने का अनुमान है जो 2023 में 98 परसेंट है।

Compiled: up18 News