बॉलीवुड फिल्मों में बायकॉट कल्चर और स्टार सिस्टम पर शत्रुघ्न सिन्हा ने बड़ी बात कही है। शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि अब फिल्म स्टार्स में ऑडियंस को सिनेमाघरों में खींचने की सामर्थ्य नहीं रह गई है।
दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा से पूछा गया था कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मौजूदा स्थिति और बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों के हाल पर वह क्या सोचते हैं। क्या उन्हें लगता है कि अब सुपरस्टार्स का दौर खत्म हो गया है? इस सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने यह बात कही।
शत्रुघ्न सिन्हा बोले, सुपरस्टार्स का दौर खत्म
उन्होंने कहा, ‘कोरोना महामारी ने फिल्म के बिजनेस की रीढ़ तोड़ दी और इसने स्टारडम को लगभग खत्म कर दिया है। स्टार्स अब ‘लार्जर-देन-लाइफ’ नहीं हैं। महामारी ने हर किसी को बराबर बना दिया है। अभी तो ऐसा ही लगता है कि सुपरस्टार का दौर खत्म हो गया है। सिर्फ चुनिंदा फिल्में और स्टार्स ही कामयाब हो रहे हैं।’
स्टार्स में अब दर्शकों को थिएटर तक खींचने की पावर नहीं
शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा, ‘अब इस बात को लेकर भी कन्फ्यूजन है कि फिल्म देखने थिएटर में जाएं या फिर ओटीटी पर देखें। इसके अलावा अब परिवार के साथ थिएटर में फिल्म देखना बहुत महंगा हो गया है। स्टार्स में अब इतनी पावर नहीं है कि वो ऑडियंस को थिएटर्स में खींच सकें। अब वो ‘आलीशान’ किरदारों से एकदम जमीन पर आ गए हैं। उनकी पर्सनल और सोशल छवि पर भी दाग लगा है।’
बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड फिल्मों का हाल
पिछले कुछ महीनों में बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड फिल्मों का बहुत ही बुरा हाल देखने को मिला है। आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ की तो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह भद पिटी। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की ‘ब्रह्मास्त्र’ किसी तरह बॉक्स ऑफिस पर टिकी रही और ठीक-ठाक कमाई की। हालांकि इसकी कमाई भी उम्मीद से कम ही हुई।
इसके अलावा ‘चुप: रिवेंज ऑफ दर आर्टिस्ट’, ‘धोखा: राउंड द कॉर्नर’ जैसी अन्य फिल्मों का भी बुरा हाल रहा है। अब मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ से उम्मीदें हैं जो हाल ही बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई। आने वाले वक्त में कुछ और अच्छी फिल्में रिलीज होंगी। उम्मीद है कि शायद उनसे बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ बॉलीवुड के भी हालात सुधरें।
-एजेंसी
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