उन्होंने ये भी कहा कि बुधवार का सर्च ऑपरेशन राष्ट्रपति के ‘पूर्ण समर्थन’ के साथ ‘योजनाबद्ध’ तरीके से किया गया.
ये सर्च ऑपरेशन चार घंटों तक चला और ये बाइडन के ओबामा प्रशासन में उप-राष्ट्रपति रहते हुए संवेदनशील दस्तावेज़ों से जुड़े मामले की व्यापक जांच का हिस्सा था.
हालांकि एफ़बीआई ने इस मामले पर अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है. दरअसल, ये तलाशी राष्ट्रपति की सहमति के साथ हुई तो ऐसे में सर्च वॉरंट की ज़रूरत नहीं थी.
बाइडन के वकील, बॉब बाउर ने कहा कि ‘संचालन की सुरक्षा’ का ख़्याल रखते हुए सर्च ऑपरेशन की जानकारी पहले सार्वजनिक नहीं की गई थी.
बाउर ने बताया कि कोई ख़ास दस्तावेज़ एफ़बीआई को नहीं मिले हैं.लेकिन साल 2009 से 2017 के दौरान बाइडन के उप राष्ट्रपति रहते हुए कुछ‘ ख़ास हाथों से लिखे नोट’ मिले हैं जिसे ‘समीक्षा’ के लिए एफ़बीआई अपने साथ ले गई है.
वॉशिंगटन स्थित पेन बाइडन सेंटर दफ़्तर में कुछ संवेदनशील जानकारियों वाले दस्तावेज़ मिले जिसके बाद कई जगहों की तलाशी ली गई. राष्ट्रपति बाइडन के डेलावेयर स्थित घर की तलाशी भी उसी अभियान का हिस्सा है.
दिसंबर और जनवरी में बाइडन के डेलावेयर स्थित आवास पर किए गए सर्च आपरेशन में और भी कई अहम दस्तावेज़ मिले हैं. हालांकि अब तक कुल कितने संवेदनशील दस्तावेज़ मिले हैं इसकी संख्या की सटीक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन माना जा रहा है कि दर्जनों दस्तावेज़ अकेले जनवरी में की गई तलाशी में ही मिले हैं.
Compiled: up18 News