किसान नेता नरेश टिकैत ने हरिद्वार पहुंचकर पहलवानों को मेडल गंगा में बहाने से रोका, मांगा 5 दिन का वक़्त

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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध कर रहे पहलवान कल हरिद्वार पहुंच गए किसान नेता नरेश टिकैत ने हरिद्वार पहुंचकर पहलवानों को मेडल गंगा में बहाने से रोका. सभी से मेडल लेकर उनसे 5 दिन का वक्त मांगा है.

ये पहलवान 23 अप्रैल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार 30 मई को अपना पदक गंगा में बहाने के लिए पहुंचे थे.

किसान नेता नरेश टिकैत ने हरिद्वार पहुंचकर पहलवानों को मेडल गंगा में बहाने से रोका. सभी से मेडल लेकर उनसे 5 दिन का वक्त मांगा है. ये पहलवान 23 अप्रैल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. नरेश टिकैत ने पहवानों से मांगा 5 दिन का समय हरिद्वार गंगा में अपने सभी मेडल को बहाने पहुंचे पहलवानों के नरेश टिकैत ने ऐसा ना करने के लिए मना लिया है.

उन्होंने सभी से इस मामले का हल निकालने के लिए 5 दिन का वक्त मांगा है. सभी पहलवानों ने उनको अपने मेडल सौंप दिए हैं और साथ ही हरिद्वार से वापस लौट रहे हैं.

हम अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे: साक्षी मलिक

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। लेकिन पिछले ही हफ्ते पहलवानों को जंतर मंतर से हटा दिया गया था और उनको हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि उसके बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया था। पहलवानों ने अब रिहा होने के बाद अपने इस प्रोटेस्ट में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने मेडल को अब गंगा में बहाने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी खुद साक्षी मलिक ने दी है।

मेडल हमारी जान हैं, हम इसको गंगा में बहाने जा रहे हैं

साक्षी मलिक ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर करते हुए कहा, ‘ 28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यव्हार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर एफआईआर दर्ज कर दी गई।’ उन्होंने आगे कहा, ‘क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है। पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यव्हार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है।’

साक्षी मलिक ने आगे पत्र में लिखा, ‘अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनके लौटने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ भी समझौता करके भी क्या जीना। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ अपना प्रचार करता है यह तेज सफेदी वाला तंत्र, और फिर हमेशा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।

2016 के ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने आगे कहा, ‘मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बहा जाने के बाद हमारे जीवन का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पैट बैठ जाएंगे। आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे।’