लखनऊ। लखनऊ में STF और खाद्य सुरक्षा विभाग ने नकली चाय पत्ती बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। यहां केमिकल और सेंडस्टोन (बलुआ पत्थर) मिलाकर चायपत्ती तैयार की जा रही थी। इसे अलग-अलग नाम के रैपर में पैक कर लखनऊ और आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा था।
फैक्ट्री मड़ियांव थाना क्षेत्र के फैजुल्लागंज में स्थित फैक्ट्री में से टीम ने 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक कलर और सेंडस्टोन बरामद किया है। इसकी कीमत 13 लाख रुपए है। अधिकारियों ने चायपत्ती, सिंथेटिक रंग और सेंडस्टोन के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिए हैं।
एफएसडीए के अधिकारी डॉ. विजय प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले दो महीने से नकली चायपत्ती की शिकायतें मिल रही थीं। सोमवार रात एसटीएफ की मदद से फैजुल्लागंज स्थित तीन मंजिला फैक्ट्री पर छापा मारा गया। फैक्ट्री मालिक आरिफ कार्रवाई के दौरान मौके से फरार हो गया।
प्रदेश के 18 जिलों में हो रही थी सप्लाई
एफएसडीए के अधिकारी डॉ. विजय प्रताप सिंह ने बताया की एसटीएफ और एफएसडीए की 12 टीमों ने सोमवार को संयुक्त कार्रवाई की। यह छापेमारी शाम 6 बजे शुरू होकर देर रात तक चली। कार्रवाई के दौरान लखनऊ समेत प्रदेश के 18 जिलों में सप्लाई किए जा रहे चाय पत्ती के कारोबार का खुलासा हुआ। नकली चाय पत्ती का कारोबार प्रतिदिन 2 लाख रुपये से अधिक का था। लखनऊ में ही 15 से ज्यादा दुकानों पर यह चाय पत्ती सप्लाई की जा रही थी।
एफएसडीए की टीम ने मौके से चाय पत्ती के नमूने जब्त किए हैं, जिनकी जांच के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी। फिलहाल, इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
अब यह जांच की जा रही है कि यह मामला सिर्फ एक फैक्ट्री तक सीमित है या नकली खाद्य उत्पादों का कोई बड़ा नेटवर्क इस गोरखधंधे में सक्रिय है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि बिना ब्रांड रजिस्ट्रेशन और जीएसटी के यह माल बाजार तक कैसे पहुंच रहा था।
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