EPFO यानी द एम्पलॉयीज़ प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइज़ेशन ने 2022-23 के लिए एम्पलॉयीज़ प्रोविडेंट फंड की ब्याज दर 8.15 फ़ीसदी तय की है.
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा है, ”EPFO ने 2022-23 के लिए पीएफ़ की ब्याज दर 8.15 फ़ीसदी करने की सिफ़ारिश की है. मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि ईपीएफ़ओ की ब्याज दर किसी भी निवेश से ज़्यादा है.” EPFO के तहत क़रीब सात करोड़ वेतनभोगी कर्मचारी हैं. EPFO रिटायरमेंट फंड का प्रबंधन देखता है.
मार्च 2022 में ईपीएफ़ओ ने 8.10 फ़ीसदी ब्याज दर करने का फ़ैसला किया था. यह ब्याज दर पिछले तीन दशकों में सबसे कम थी. ईपीएफ़ओ के इस फ़ैसले से लाखों कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी थी.
भारत में सभी के लिए पेंशन की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में पीएफ़ सामाजिक सुरक्षा के लिए नौकरी जाने या रिटायरमेंट के बाद काफ़ी अहमियत रखता है. एम्पलॉयी प्रोविडेंट फंड्स एंड मिसलेनियस प्रोविजन्स एक्ट, 1952 के तहत पीएफ़ एक अनिवार्य व्यवस्था है.
ईपीएफ़ओ नियम के अनुसार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के कम से कम 12 फ़ीसदी हिस्सा पीएफ़ में जाता है और ऐम्पलॉयर भी अपनी तरफ़ से 12 फ़ीसदी जमा करता है.
कोविड महामारी में जब लोगों की नौकरियां गई थीं तो शुरुआती तीन महीने में तक़रीबन 80 लाख लोगों ने पीएफ़ में जमा पैसे निकाल कर महीनों तक गुज़ारा किया था.
Compiled: up18 News
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