एलीफैंट एप्रीसिऐशन डे: वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने रेस्क्यू किये गए हाथियों को ‘जंबो फ्रूट फीस्ट’ से किया सम्मानित

Press Release

हर साल 22 सितंबर को, एलीफैंट एप्रीसिऐशन डे मनाया जाता है, यह दिन विश्व के सबसे बड़े जानवर को सम्मान देने के लिए समर्पित है, जो की प्रकृति का एक अभिन्न अंग हैं। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने अपनी देख-रेख में रह रहे हाथियों के लिए इस दिन एक विशेष ‘जंबो फ्रूट फीस्ट’ का आयोजन किया, जिसमे हाथियों ने जम कर भाग लिया।

यह विशेष कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र और हाथी अस्पताल परिसर में दीर्घकालिक देखभाल के तहत रह रहे हाथियों के लिए एक विशेष उपहार था।

उत्सव की शुरुआत एन.जी.ओ की समर्पित देखभाल टीम और पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा बचाए गए हाथियों के लिए कई किलो स्वादिष्ट फलों और सब्जियों की साज-सज्जा के साथ हुई। तरबूज, पपीता, गन्ना, केले और कद्दू की यह भव्य सजावट हाथियों के लिए एक आनंददायक उपहार था, जिससे यह दिन और भी खास हो गया। ‘जंबो फ्रूट फीस्ट’ संस्था के नर हाथी राजेश और सूरज और हथनी परी, आर्य, ज़ारा, लक्ष्मी और जिंजर के साथ मनाया गया, जिनको संस्था की देखरेख में एक सुरक्षित आश्रय मिला है।

एलीफैंट एप्रीसिऐशन डे पर, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस अपने वर्चुअल कार्यक्रम ‘एली अर्थ वॉक’ की शुरुआत कर रहा है। यह पहल 22 सितंबर यानी एलीफैंट एप्रीसिऐशन डे वाले दिन शुरू होगी और 9 अक्टूबर, 2023 तक चलेगी। ‘एली अर्थ वॉक’ के सभी प्रतिभागी हाथियों की सवारी के खिलाफ पैदल चलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा बचाए गए हाथियों की देख-रेख के लिए डोनेशन जुटाना है। इसमें शामिल होने के लिए सभी उम्र के लोगों का स्वागत है, और चूंकि यह एक पहल है, इसलिए यह आयोजन प्रतिभागियों को दुनिया भर के वन्यजीव समर्थकों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

डॉ. एस. इलियाराजा, उप निदेशक- पशु चिकित्सा सेवाएं, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने बताया कि “इन हाथियों के लिए दीर्घकालिक देखभाल महत्वपूर्ण है, इनमे से कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात से पीड़ित हैं। हमारी समर्पित टीम चौबीसों घंटे देखभाल प्रदान करती है, जिसमें शामिल हैं उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा उपचार, दर्द प्रबंधन और पोषण संबंधी सहायता।”

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “इस दिन, पूरा विश्व हाथियों के धरती पर अस्तित्व को सम्मान देता हैं। हमारे रेस्क्यू सेंटर में रह रहे हाथियों की बीती हुई यातनाएं उनके लिए एक बड़ी समस्या हैं। भारत में हाथियों के संरक्षण की आवश्यकता के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे वे अपना जीवन सम्मान और आराम से जिएं।”