मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़ताह अल-सीसी सोमवार सुबह सऊदी अरब पहुँचे. जेद्दा एयरपोर्ट पर अल-सीसी के स्वागत में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान खड़े थे.
अल-सीसी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस रमज़ान में सहरी के वक़्त मिले. दोनों नेताओं ने सऊदी अरब और मिस्र के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की. सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के अनुसार दोनों नेताओं ने बैठक में आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.
मिस्र और सऊदी अरब के दोनों नेताओं ने मौजूदा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हालात के अलावा पारस्परिक मुद्दों पर बात की. कुछ ही घंटों के बाद अल-सीसी वापस चले गए.
सऊदी अरब लंबे समय से मिस्र को वित्तीय मदद पहुँचाता रहा है लेकिन हाल ही में सऊदी ने संकेत दिया था कि वह अब बिना शर्त किसी को मदद नहीं करेगा.
सऊदी के इस फ़ैसले को मिस्र और पाकिस्तान के लिए झटके के रूप में देखा गया था. अल-सीसी के दौरे को मध्य-पूर्व के इस्लामिक देशों में जारी नई मेलजोल की नीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. ईरान और सऊदी अरब राजयनियक संबंध बहाल करने जा रहे हैं. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने यूएई का दौरा किया था. रॉयटर्स के अनुसार, बशर अल असद सऊदी का भी दौरा कर सकते हैं.
सऊदी अरब और उसके खाड़ी के सहयोगी देश मिस्र में अल सीसी के सत्ता में आने के बाद से कई बार मदद कर चुके हैं. एक दशक पहले मुस्लिम ब्रदरहुड के मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से बेदखल कर अल सीसी सत्ता में आए थे.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से मिस्र आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है. लेकिन मिस्र को हर मुश्किल से सऊदी अरब, यूएई और क़तर निकालते रहे हैं. पिछले साल दिसंबर में ही मिस्र ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से तीन अरब डॉलर के क़र्ज़ के लिए समझौता किया था.
Compiled: up18 News