487 करोड़ की वसूली के लिए प्रशासन की सख्‍ती से नोएडा के बिल्डर्स में हड़कंप

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बकाया वसूलने की कवायद हुई तेज

इस संबंध में प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक बकायेदार बिल्डर्स के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। सुपरटेक समूह पर सख्ती के एक दिन बाद ही रुद्रा, जतस्या और अंतरिक्ष बिल्डर के प्रोपराइटर्स को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी कर दिए गए। जेपी एसोसिएट्स, लॉजिक्स और महागुन के कार्यालयों को सील करने के आदेश जारी हुए हैं। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से बिल्डर्स लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है।

सुपरटेक के चेयरमैन पहले ही लिए गए हिरासत में

जिला प्रशासन ने यूपी रेरा के बड़े बकायेदारों में से एक सुपरटेक समूह के चेयरमैन आरके अरोड़ा को सोमवार के दिन ही हिरासत में लिया था। इससे एक तरह का संकेत दिया गया। बिल्डर्स के बीच सिगनल चला गया कि जब सुपरटेक जैसे बड़े बिल्डर पर शिकंजा कस गया है तो छोटे का क्या होगा। मतलब कि इन पर भी जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

उल्लेखनीय है कि सुपरटेक समूह के चेयरमैन आरके अरोड़ा को बकाया भुगतान नहीं करने पर जिला प्रशासन ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। बाद में उनकी कंपनी के द्वारा फ्लैट खरीदारों के साथ पांच करोड़ रुपये के समझौते, दो करोड़ रुपये का ड्राफ्ट देने और पूरे 26 करोड़ के बकाये का इसी महीने भुगतान किए जाने के वायदे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।

तीन बिल्डर्स के खिलाफ निकला वारंट

दादरी के उपजिलाधिकारी आलोक गुप्ता के मुताबिक फिलहाल तीन बिल्डर्स के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकला है। इनमें रुद्रा बिल्डवेल के मालिक मुकेश खुराना, जतस्या बिल्डर कंपनी के मालिक मयंक चावला और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में विभिन्न प्रोजेक्ट बना रहे अंतरिक्ष बिल्डर के राजेश यादव शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए तहसील की चार टीमें विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं।

कुछ बिल्डर्स के दफ्तर होंगे सील

जेपी एसोसिएट्स, लॉजिक्स और महागुन बिल्डर को जिला प्रशासन ने कई बार नोटिस जारी किया। इसके बाद भी मुनादी कराई गई। इसके बाद भी बकाये का भुगतान नहीं किया गया। इस कारण इनके कार्यालयों को सील किया जाएगा। तहसील के सबसे बड़े बकायेदार वेव के बैंक खातों की जांच जारी है। बकाया नहीं देने पर इन बैंक खातों को कुर्क कर लिया जाएगा।

सदर तहसील के बड़े बकायेदारों पर कसा शिकंजा

नोएडा में सदर तहसील के एसडीएम अंकित कुमार के मुताबिक अंसल एपीआई तहसील का सबसे बड़ा बकायेदार है। इसके खिलाफ 33 करोड़ रुपये की आरसी जारी हुई हैं। यह आरसी हाल ही में एनसीएलटी से वसूली के लिए वापस सदर तहसील में भेजी गई। इसके लिए प्रशासन अंसल एपीआई पर दबाव बनाए हुए है। अन्य दो बड़े बकायेदार सिक्का ग्रुप और ग्रीन वे बिल्डर के खिलाफ भी प्रशासन का रुख सख्त है। सदर तहसील में कुल 28 बिल्डरों से 380 आरसी के 160 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है। इसके लिए निर्देश जारी हो चुके हैं।

वसूली के लिए 25 टीमें

बकाये की वसूली के लिए प्रशासन ने 25 टीम के तैनात किया है। जिले के दादरी तहसील में सबसे अधिक बकायेदार बिल्डर हैं। एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता के मुताबिक तहसील क्षेत्र में कुल 73 बिल्डरों के खिलाफ 1325 आरसी जारी हुई थी। इनसे करीब 487 करोड़ रुपये वसूला जाना है। इसके लिए तहसील की 25 टीमें लगातार काम कर रही हैं। इन बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर नोटिस चस्पा करने के साथ ही उनके यहां मुनादी भी कराई जा चुकी है। इन पर भी कार्रवाई होगी।

दादरी तहसील के बड़े बकायेदार कौन

वेव मेगा सिटी सेंटर- 123.55 करोड़ रुपये
लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर- 38.57 रुपये
रुद्रा बिल्डवेल होम्स- 30.73 करोड़ रुपये
सुपरटेक टाउनशिप- 26 करोड़ रुपये
महागुन इंडिया- 19.97 करोड़ रुपये
रुद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट- 17.11
अजनारा रियलटेक- 15.41 करोड़ रुपये
जयप्रकाश एसोसिएट्स- 15.32 करोड़ रुपये
पाशर्वनाथ डेवलपर्स- 13.39 करोड़ रुपये
जतस्या बिल्डर- 05 करोड़ रुपये
अंतरिक्ष बिल्डर- 04 करोड़ रुपये

Compiled: up18 News