आगरा ।राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि मन को नियंत्रण कर लो, जीवन सुधर जाएगा। ये मन ही तो है जो पाप, पुण्य कराता है। जीवन को नेक और अनेक रास्तों पर ले जाता है। इसलिए कहा है की मन के हारे हार, मन की जीते जीत।
मुनि महाराज बुधवार को राजा की मंडी जैन स्थानक में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मन की पवित्रता से जीवन आगे बढ़ता है। क्योंकि जीवन में मन ही है जो भटकता है और जीवन को भी भटकाता है। यदि वह अपने वश में हो जाता है तो सब कुछ सही रहता है। जीवन का उत्थान होता है।
उन्होंने कहा कि भगवान महावीर कहते हैं कि तीर्थंकर की वाणी तुमने कितनी ही बार सुनी, उसका क्या फर्क पड़ा। उसका कोई असर नहीं हुआ तो सुनने से क्या फायदा। मनुष्यत्व को प्राप्त करने के लिए धर्म श्रवण करना जरूरी है।
जैन मुनि ने कहाकि एक बार पत्थर की मूर्ति मंदिर में जाती है तो वह परमात्मा बन जाती है और हमें मंदिर जाकर लौटते हुए जिदंगी बीत जाती है, लेकिन पत्थर ही बन कर लौटते हैं। उन्होंने कहा का कि आचरण को पवित्र रखना जीवन का प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए।इसके बाद डॉक्टर मणिभद्र जी सात्विक जैन के अठाई व्रत के उपलक्ष्य में श्वेतांबर जैन श्री संघ लोहामंडी द्वारा आयोजित जाप ,संत साध्वियों के मंगल प्रवचन कार्यक्रम में पारस पर्ल्स माल मदिया कटरा रोड पर पहुंचे। जैन साध्वी वैराग्य निधि ने भी प्रवचन दिए।
इस अवसर पर राजेश सकलेचा, वैभव जैन, अजय जैन पूर्व पार्षद, विवेक कुमार जैन, निशीथ जैन, रोहित जैन, अतिन जैन, अर्पित जैन, सहित अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
-up18news
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