मानव मिलन परिवार ने अन्न दान प्रकल्प के तहत किया विशाल भंडारा
आगरा।राष्ट्र संत नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र ने धर्म और अधर्म की व्याख्या करते हुए कहा की धर्म सदैव सुख शांति एवम आनंद देने वाली चीज है और अधर्म हमे दुख ,पीड़ा और भय देता है।लेकिन हम धर्म को जानने का प्रयास ही नही करते और पूरा जीवन अधर्म में लगा देते है ।धर्म के लिए हमारे पास वक्त ही नही है।जैन मुनि अपने मंगल विहार में लोहामंडी जैन स्थानक में अल्प प्रवास के दौरान प्रवचन कर रहे थे।
डॉक्टर मणिभद्र ने कहा की हम सदैव संसार में दूसरों की बात पर तुरंत विश्वास कर लेते है,परंतु अपनी स्वयं की आत्मा की आवाज को मानने में कठिनाई महसूस करते है।क्रोध,अहंकार, लोभ,मायाचारी का ज्ञान सबको है हम मानते भी है इन सबके जीवन में प्रवेश से कभी सुख नही मिलेगा लेकिन हमारी आत्मा सदा गलत सही की राह दिखाती है लेकिन हम नही सुनते।
राष्ट्र संत ने कहा की प्रभु कहते है की यदि आप में अपनी आत्मा की आवाज सुनने की क्षमता आ जाए या उसकी लगन लग जाए तो किसी गुरु की आवश्यकता नहीं होती।अगर आपने धर्म को अपना लिया तो जीवन में मंगल ही मंगल होता है।प्रभु कहते है की धर्म उत्कृष्ट और मंगल है ।अहिंसा,संयम, तप ऐसा धर्म है जो जीवन के मंगल को कभी अमंगल में परिवर्तित नहीं होने देता।
इससे पूर्व गुरुवार की धर्म सभा लोहामंडी जैन स्थानक में मंगलकारी शांति पाठ का आयोजन किया गया।शुक्रवार को परम गुरु जैन युवा समिति द्वारा विशेष मंगलकारी माता पद्मावती का जाप का आयोजन किया जायेगा।
गुरुवार को राष्ट्र संत नेपाल केसरी डॉक्टर मणिभद्र जी की प्रेरणा से मानव मिलन परिवार आगरा ने अन्नदान प्रकल्प के तहत लोहामंडी में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों राहगीरों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस आयोजन में मानव मिलन परिवार के अध्यक्ष राजीव चपलावत, उपाध्यक्ष सौरभ जैन , अर्पित जैन, महासचिव आदेश बुरड़, कोषाध्यक्ष सचिन जैन, सुलेखा सुराना, पूजा जैन, विवेक कुमार जैन, अनिल जैन, निशीथ जैन ,अनुभव जैन सहित अनेक सदस्यों का सहयोग रहा।
-up18news
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