चातुर्मास पूर्ण होने पर दी जैन संतों को विदाई
आगरा: राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि हर व्यक्ति उदास है, तनाव ग्रस्त है। उसका कारण भविष्य की चिंता और अतीत की कटु यादें हैं। इसलिए केवल वर्तमान में जीना सीखें, जिससे मन शांत रहेगा और संतुष्टि रहेगी।
चातुर्मास पूर्ण होने के बाद में रविवार को जैन संतों का विदाई समारोह एस के सेल्स कॉर्पोरेशन अरतौनी में आयोजित किया गया। इसमें प्रवचन करते हुए जैन संत डा.मणिभद्र महाराज ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में तीन अवस्थाएं होती हैं, उदासी, तनाव और शांति। जो व्यक्ति उदास है, उसका मतलब वह अतीत की स्मृतियों में खोया हुआ है और कटु यादें उसके मन में है। जो व्यक्ति तनाव में हैं, उसका मतलब उसे भविष्य की चिंता सता रही है। तनाव और उदास रहने वाला व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता। जो शांत स्वभाव का व्यक्ति है, वह वर्तमान में जी रहा होता है। इसलिए न भविष्य की चिंता करो, न अतीत की ओर देखो, केवल वर्तमान में जीवन जीओ, जिससे सुख और आनंद की प्राप्ति होगी।
स्वार्थ, परार्थ और परमार्थ की भी चर्चा जैन संत ने की। कहा कि जो व्यक्ति हमेशा अपने लिए सोचता है, वह मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है। जो केवल अपने कल्याण की सोचता है, उसे मनुष्य का शरीर और चेहरा जरूर मिल गया है, लेकिन वह पशुओं से भी बदतर है। क्योंकि पशु ही सोचता है कि उसी का पेट भरे, किसी और की चिंता उसे नहीं होती। जो व्यक्ति अपनी शक्ति दिखाने, अपना शौक पूरा करने, अपने को अच्छा दिखाने के लिए और लोगों को दुख देता है, उससे बुरा कोई इंसान नहीं हो सकता।
मुनिवर ने कहा कि यदि व्यक्ति परमात्मा नहीं बन सकता तो कम से कम इंसान तो बन जाए। परमात्मा बनने के लिए हृदय में दया, प्रेम, करुणा की जरूरत होती है। भगवान बुद्ध, भगवान महावीर ने जन्म तो इंसान के रूप में ही लिया था, लेकिन अपने पुरुषार्थ, अपनी करुणा, प्रेम से ही तो भगवान बन सके। इसलिए हमें भी कोई न कोई पुरुषार्थ करते रहना चाहिए।
रविवार को आयोजित विदाई प्रवचन सभा में उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल एवम प्रदेश की महिला एवम बाल कल्याण मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री चौधरी उदय भान सिंह, गोवर्धन के निवर्तमान विधायक कारिंदा सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
जैन मुनियों की विदाई के अवसर पर शाश्वत सोनी, मंजू सोनी, शशि सोनी, मंगेशलता सोनी, सुरेश शास्त्री, सुमित्रा सुराना, पद्मा सुराना, सुरेश सोनी, सुरेंद्र सोनी ने भजन एवम अपने मन के उदगार व्यक्त किए।
इस दौरान वैभव निमिषा जैन , सौरभ पूजा जैन, अंशुल शिप्रा जैन, अशोक सुराना, राजेश सकलेचा, आदेश बुरड़, राजीव चपलावत, विवेक कुमार जैन, वैभव जैन, सचिन जैन, अर्पित जैन, अनिल जैन, सुरेश सुराना, सुलेखा सुराना, कोमल सुराना, प्रियंका सुराना, अशोक अग्रवाल, पूजा जैन, नीतू जैन, अंजली जैन, संजीव माहेश्वरी, अजय जैन पूर्व पार्षद, सहित अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
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