अगर आप भी अक्सर कमर और घुटने के दर्द से परेशान रहते हैं तो दवाईयां खाने की बजाए योग करना शुरू कर दें। योग के आसन धनुरासन के जरिए हर तरह के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
कमर, हमारे शरीर के सबसे अहम हिस्सों में से एक है जो शरीर को दो हिस्सों में बांटता है इसलिए जरूरी है कि यह सही तरीके से काम करे। कमर लचीली रहेगी तो बेहतर काम कर सकेगी। इसके लिए योग में धनुरासन सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसके शाब्दिक अर्थ पर बात करें तो धनुर का मतलब होता है धनुष।
धनुष में बाण लगाकर जब उसको खींचा जाता है तो उस समय उसका जो आकार होता है यह आसन उसी पर आधारित है। इस आसन में हम शरीर को उसी आकार में ढालते हैं। योग प्रशिक्षक जिज्ञासा कापरी और कृति चटर्जी आज इसी आसन के बारे में बता रही हैं।
ऐसे करें आसन
– सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। हाथों को कमर के बगल में रखकर जमीन से चिपका लें और शरीर को एक दम सीधा रखें।
– अब पैरों को घुटने से मोड़कर पीछे की ओर लाएं और पैरों के पंजों को हाथों से पकड़ लें।
– अब एड़ियों को थोड़ा उपर की ओर उठाएं, जिससे कंधे खिंचें और शरीर थोड़ा ऊपर उठे। – छाती और जांघें ऊपर उठी रहें और कमर जमीन से चिपकी रहे।
आयंगर पद्धति
प्रकार एक
इसमें एक तकिया छाती के आगे रख लेते हैं और दूसरा तकिया दोनों पैरों के बीच में रखते हैं। छाती को तकिए पर टिका दें और हाथों से पैरों के पंजे पकड़ लें।
प्रकार दो
एक बेल्ट को पैरों के पंजों में फंसाएं। बेल्ट के दूसरे सिरे को दोनों हाथों से आगे की ओर खींचें। इसमें हाथ मुंह के थोड़ा आगे रहेंगे। जिनके कंधों में तकलीफ है और हाथ पीछे नहीं जाते वो ऐसे कर सकते हैं।
प्रकार तीन
इसमें दीवार पर एक रस्सी बांधें और खड़े होकर उस रस्सी को कमर में फंसा लें। अब एक नीचा स्टूल पीठ के पीछे रखें और पीछे की ओर झुक कर स्टूल पर हाथों को टिका लें।
इस आसन के फायदे
– कमर के लिए यह आसन सबसे ज्यादा फायदेमंद है
– साथ ही इससे ऊर्जा जागृत होती है और मुख पर तेज आता है
– इस आसन से घुटने और टखने मजबूत होते हैं
– स्पाइन के लिए भी यह आसन काफी उपयोगी है। इससे स्पाइन सक्रीय होती है
– छाती की कठोरता को दूर करने में भी यह सहायक है
-एजेंसियां
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