श्रावण मास का पहला सोमवार: काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, शिवभक्तों के स्वागत में सरकार ने बिछाया रेड कार्पेट और बरसाये फूल

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वाराणसी में आज श्रावण मास का पहले सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला आरती के साथ इसकी भव्य शुरुआत हुई। गंगा में डुबकी लगाकर भक्त सीधे 1 किलोमीटर की बैरिकेडिंग पार कर शिव दरबार पहुंच रहे हैं। ‘बम भोले’ के जयकारों से ​​​​​​काशी गूंज रही है। में सरकार ने गंगा द्वार से लेकर चौक रोड तक शिवभक्तों का स्वागत रेड कार्पेट बिछाकर और प्रवेश द्वारों पर पुष्प वर्षा करके किया ।पूरे दिन 6-7 लाख श्रद्धालुओं और कावंड़ियों के दर्शन करने का अनुमान लगाया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के चारों द्वार से झांकी दर्शन और पाइप द्वारा जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और फूल चढ़ाया जा रहा है। बाबा विश्वनाथ के चल प्रतिमा का खास श्रृंगार किया गया है। शिव भक्त बाबा की एक झलक पाकर निहाल हो रहे हैं। ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे रात भर लाइन में खड़े रहने पर जो थकान लगी थी, मगर दर्शन के बाद हम तरोताजा लग रहे हैं। सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम तक नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।

कॉरिडोर में भक्तों की भारी भीड़ है। काफी भक्त बैरिकेडिंग में खड़े होकर दर्शन का इंतजार कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने प्रवेश द्वार के बाद आधे घंटे में दर्शन कराने का टारगेट सेट किया है। भक्तों को गर्भगृह के पास महज 2 से 4 सेकेंड तक ही रोका जा रहा है। मंदिर परिसर में लाइन में लगने के दौरान श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए जर्मन हैंगर लगाया गया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं होगी। भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन और बाहर लगे पात्र से जलाभिषेक करना होगा। कांवरियों की अलग लेन बनाई गई है।

सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर संपूर्ण क्षेत्र को चार जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है। गंगा से लेकर गलियों तक सुरक्षा और निगरानी की पुख्ता व्यवस्था की गई है। विश्वनाथ धाम के इर्द-गिर्द पुलिस के छह उद्घोषणा केंद्र बनाए गए हैं, जो कंट्रोल रूम से जुड़े हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ से आए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 25 कमांडो तैनात किए गए हैं।