पैसे खर्च किए बिना भी बच सकते हैं Depression से

Health

जरूरी नहीं है कि Depression या अवसाद के लिए किसी व्यक्ति को हुई कोई बहुत बड़ी टेंशन या हादसा ही जिम्मेदार हो। बल्कि डेली रुटीन लाइफ में मिलने वाला स्ट्रेस भी किसी को तनाव और डिप्रेशन की तरफ धकेल सकता है। यहां जानें कि कैसे आप शुरुआती लक्षणों को पहचानकर ही बिना पैसे खर्च किए डिप्रेशन से बच सकते हैं।

हमारे Depression की वजह चाहे जो भी हो लेकिन Depression के बढ़ते असर को कंट्रोल करना हमारे अपने हाथ में होता है। अगर आप हर समय तनाव और निराशा से घिरे रहते हैं, अपनी क्षमताओं के हिसाब से प्रोडक्टिविटी नहीं दे पाते हैं, फैमिली और फ्रेंड्स से बात करने का मन नहीं करता या छोटी-छोटी बात पर बहुत एग्रेसिवली रिऐक्ट करते हैं तो ये कुछ प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं, जो आपकी गिरती मानसिक सेहत का संकेत देते हैं।

ऐसे बनाएं खुद को मजबूत

Depression से लड़ने के लिए जरूरी है कि आप खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। इसमें मेडिटेशन और एक्सर्साइज आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। अब आपको लग रहा होगा कि एक्सर्साइज से तो शरीर मजबूत बनता है, ब्रेन कैसे मजबूत बनेगा?

एक्सर्साइज का ब्रेन पर असर

जब हम फिजिकली एक्टिव रहते हैं। योग, एक्सर्साइज या डांस करते हैं तो इससे हमारी बॉडी में ब्लड सर्कुलेश बढ़ता है। यह हमारे ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है, इससे दिमाग शांत रहता है और हैप्‍पी हॉर्मोन्स प्रड्यूस होते हैं। ये हॉर्मोन्स हमें खुश रहने और तनाव की डील करने की ताकत देते हैं।

Depression में ना लें ऐसी डायट

Depression या स्ट्रेस से जूझ रहे लोगों को फास्ट फूड और प्रॉसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनसे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। स्ट्रेस के कारण एक तो पहले से शरीर कमजोरी महसूस कर रहा होता है और अगर डायट भी सही ना मिले तो हम Depression की तरफ तेजी से बढ़ने लगते हैं इसलिए हेल्दी और प्लांट बेस्ड डायट लें।

तनाव से बचने का तरीका

अगर किसी भी वजह से आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ने लगा है तो खुली जगह में जाएं, कोशिश करें कि यह गार्डन या ग्रीनरी से भरा कोई प्लेस हो। गहरी सांस लें और सांस पर फोकस करें। गहरी सांस लेने से ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है और सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से हमारा ब्रेन तनाव देने वाले मुद्दे से डायवर्ट होता है। इससे हम शांत महसूस करते हैं।

खुद से प्यार करें

Depression से जल्दी बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका होता है खुद को वक्त देना। अपने आपको स्पेशल फील कराना। ऐसे काम करना जिनसे आपको खुशी मिलती है। जैसे, म्यूजिक सुनना, गेम्स खेलना, दोस्तों या फैमिली के साथ वक्त बिताना। इन सब कामों से हमारे अंदर पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है।

दोस्तों के साथ शॉपिंग पर जाएं

ऑनलाइन शॉपिंग के जमाने में हम ज्यादातर चीजें घर बैठे ही खरीदने लगे हैं। जबकि मार्केट या मॉल जाना, दोस्तों से मिलना, अलग माहौल को एंजॉय करना… यह तभी संभव है जब हम अपने लिए और शॉपिंग के लिए वक्त निकालें। इसलिए स्ट्रेस या तनाव होने पर कभी शॉपिंग, कभी आउटिंग, कभी मूवी और कभी फन के लिए दोस्तों के साथ बाहर जाएं।

नेचर का साथ

नेचर हमें पॉजिटिविटी देती है। जब भी कभी ऐसा लगे कि किसी से बात करने का मन नहीं है, ना मूवी देखनी है और ना ही कुछ लिखना-पढ़ना है तो आप किसी गार्डन या पार्क में जाकर अकेले बैठ जाएं। अपनी अब तक की लाइफ जर्नी के बारे में सोचे, अपने अचीवमेंट्स पर ध्यान दें और संघर्ष पर गर्व करें। इसी आधार पर फ्यूचर प्लान करें।

मी-टाइम को करें एंजॉय

खुशी और सुकून से भरी जिंदगी जीने के लिए जरूरी होता है कि आप एक मैनेज्ड लाइफ जिएं। दिनभर की व्यस्तता के बीच कुछ पल खासतौर पर अपने लिए निकालें। इस मी-टाइम में आप म्यूजिक सुनते हुए वॉर्मअप या स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। अपने मेकओवर पर ध्यान दे सकते हैं। अपनी स्किन केयर पर फोकस कर सकते हैं। या फिर स्लो म्यूजिक चलाकर शांति से लेट या बैठ सकते हैं।

एडिक्शन बदलने की कोशिश

अगर आपको ड्रिंक, स्मोकिंग या टोबैको जैसी किसी भी चीज का एडिक्शन है तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। इसमें रिहैबिलिटेशन सेंटर्स की मदद ले सकते हैं। जब लगे कि खुद पर कंट्रोल नहीं हो रहा है तो अपनी बेचैनी और असहजता को लिखने का प्रयास करें। यह भी खुद को शांत करने का एक प्रभावी तरीका है।

-एजेंसियां