क़ुरान जलाने से इस्लामिक देश नाराज, क़ानून लाने पर विचार कर रहा है डेनमार्क

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डेनमार्क के न्याय मंत्री पीटर हमलगार्ड का कहना है कि ऐसी घटनाओं से डेनमार्क को नुक़सान हुआ है और इनसे डेनमार्क के नागरिकों के लिए ख़तरा पैदा हुआ है.

प्रस्तावित क़ानून के तहत क़ुरान या बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों के अपमान को अपराध माना जाएगा और इसके लिए दो साल तक की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान होगा.

डेनमार्क की सेंटर-राइट सरकार का कहना है कि वो दुनिया को एक संदेश देना चाहती है.

डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोक्के रासमुसेन के मुताबिक़, देश में हाल के महीनों में 170 प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें विदेशी दूतावासों के सामने क़ुरान की प्रति जलाने की घटनाएं भी शामिल हैं.

पड़ोसी देश स्वीडन में भी क़ुरान को आग लगाने की कई घटनाएं हुई हैं और स्वीडन का कहना है कि इससे हालात ख़राब हो सकते हैं.

जुलाई में इराक़ में स्वीडन के दूतावास को उग्र प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी.

स्वीडन और डेनमार्क दोनों ही देशों ने अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उपने उदार क़ानूनों की वजह से इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने में हिचक दिखाई थी. स्वीडन में 1970 के दशक में ईशनिंदा क़ानूनों को रद्द कर दिया गया था.

वहीं इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी ने अपने सदस्य देशों से कहा था कि वो क़ुरान का अपमान करने वाले देशों के ख़िलाफ़ क़दम उठाएं.

डेनमार्क के न्याय मंत्री का कहना है कि प्रस्तावित क़ानून के तहत मौखिक रूप से टिप्पणी करना या व्यंग्यात्मक चित्रों पर रोक नहीं होगी. हालांकि उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों को जलाने से लोगों में मतभेद पैदा करने के अलावा और कोई मक़सद हासिल नहीं होता.

Compiled: up18 News