खतरे में हैं लोकतंत्र के प्रहरी, सरकारें हो चुकी है बहरी !

अन्तर्द्वन्द

पत्रकारों का हो रहा उत्पीड़न, सच सामने लाना पड़ रहा भारी

नितिन दीक्षित

हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ जिसे मीडिया भी कहा जाता है औऱ जिसको लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में दर्जा मिला है। उस स्तम्भ में हम पत्रकार समाहित हैं। वह स्तम्भ लगातार खतरे को शिद्दत से महसूस कर रहा है। पत्रकार जो कि जनता तथा शासन दोनों के बीच एक माध्यम एक आईने का काम करता है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाता है। “पत्रकार” जिसकी वजह से अपने देश तथा अपने समाज में हो रही सभी घटनाओ की संपूर्ण जानकारी हमें घर बैठे प्राप्त होती है, फिर खबर चाहे हमारे देश के हालातो से जुडी हो या हमारे समाज में नित्य प्रति घटित हो रही अप्रिय घटनाओं की. एक बेबाक पत्रकार की निष्पक्ष कलम ही सारा सच हमारे सामने लाती है। लेकिन हमारे देश में निष्पक्षता से पत्रकारिता करना मानो एक श्राप सा बनता जा रहा है, निष्पक्ष तरीके से सच जनता के सामने लाना हर उस पत्रकार को महंगा पड़ता है, जिसकी कलम आपराधिक प्रवत्ति के लोगो का काला सच सामने लेन के लिए उठती है. मजबूरन उस पत्रकार को सच से विमुख होना पड़ता है, तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही उसकी जंग में उसे अपने हाथ खड़े करने पड़ जाते है।

देश में आज वो पत्रकार भी सुरक्षित नही है जो अपनी जान दाव पर लगा कर माफियाओं, अपराधियों तथा भ्रष्टाचार करने वालो का सच जनता तथा शासन प्रशासन के सामने लाते है. काले कारनामो का खुलासा करने के बाद उन्हें मिलती है तो सिर्फ जान से मारने की धमकी, कभी कभी तो ऐसा भी होता है कि पत्रकारों की खुले आम हत्या भी कर दी जाती है. जिसके बाद उनका पूरा परिवार बेसहारा हो जाता है और न्याय के लिए दर दर भटकता है।

आखिर ऐसा क्यों होता है..

एक पत्रकार जिसकी कलम हमेशा सत्य और निष्पक्षता के लिए चलती है वो हमेशा हमारे समाज तथा हमारे देश में हर उस इन का दुश्मन बन जाता है जिसका सरोकार भ्रष्टाचार तथा गलत कामों से होता है। काला सच सामने आने के डर से आपराधिक प्रवत्ति के लोग पहले उसे तरह तरह की धमकियां देते है इसके बाद भी यदि उनके गुनाहों का राज सबके सामने आता दिखाई देता है तो फिर एक बेकसूर पत्रकार को मौत के घाट उतार दिया जाता है।

सरकारों से निवेदन है कि हर उस पत्रकार को उसका हक़ मिलना चाहिए जो पूरी तरह से निष्पक्ष होकर सच जनता के सामने लाता है| तथा जिसकी कलम हमेशा सच के लिए चलती है ताकि आने वाले समय में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ पूर्ण रूप से मजबूत बना रहे और किसी निर्दोष पत्रकार को गुनहगारों का काल सच सामने लाने पर अपनी जान न गवानी पड़े।

-up18news