मंत्रालय ने कहा कि वह ड्रोन खरीद लागत की तुलना इसके विनिर्माता जनरल एटॉमिक्स (जीए) द्वारा अन्य देशों को बेची गई कीमत से करेगा और खरीद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने ड्रोन खरीद समझौते को मंजूरी दी थी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में ड्रोन सौदे से संबंधित कीमत और खरीद की शर्तों पर सोशल मीडिया में प्रसारित की जा रहीं रिपोर्ट को अटकलबाजी बताया और कहा कि इन्हें किसी प्रयोजन से फैलाया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि इसके निहित स्वार्थ हैं और इनका उद्देश्य उचित अधिग्रहण प्रक्रिया को बाधित करना है। खरीद की कीमत और अन्य शर्तों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इस पर बातचीत हो रही है। मंत्रालय ने अनुरोध किया कि वे फर्जी खबरें न फैलाएं, जो सशस्त्र बलों के मनोबल पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं और अधिग्रहण प्रक्रिया को बाधित कर सकती हैं।
Compiled: up18 News
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