लंदन में ब्रिटेन के पीएम से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ, दोनों देशों ने साथ काम करने पर सहमति जताई

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दोनों देश संबंध मजबूत करने पर सहमत

रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन और अन्य समान विचारधारा वाले देशों को शांतिपूर्ण और स्थिर वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए और भारत के उत्थान में सहयोगी बन सकते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने भी व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच चल रहे मुक्त व्यापार समझौते को सफल निष्कर्ष पर लाया जा सकता है।

मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को राम दरबार की प्रतिमा उपहारस्वरूप दी। इस मुलाकात के दौरान ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर टिम बैरो भी मौजूद रहे।

भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता

इससे इतर लंदन के इंडिया हाउस में एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन का भी अब भारत को लेकर नजरिया बदल चुका है और चीन, भारत को एक उभरती आर्थिक ताकत और रणनीतिक ताकत के रूप में स्वीकार करता है। राजनाथ सिंह ने इसकी वजह देश के तेज आर्थिक विकास और मजबूत विदेश नीति को दिया।

राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि गलवान घाटी में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद भी चीन का भारत के प्रति रुख बदला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अब भारत को कमजोर देश नहीं माना जाता बल्कि इसे उभरती  हुई वैश्विक ताकत के तौर पर देखा जाता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘अब ऐसा नहीं है कि कि भारत को आंख दिखा के जो चाहे सो निकल जाए।’ उन्होंने कहा कि ‘हम किसी को भी दुश्मन देश के तौर पर नहीं देखते, लेकिन दुनिया इस बात से वाकिफ है कि भारत और चीन के रिश्तों में तनाव है। हालांकि हम चाहते हैं कि अपने पड़ोसी देशों और दुनिया के अन्य देशों के साथ दोस्ताना संबंध रखें।’

राजनाथ सिंह ब्रिटेन के आधिकारिक दौरे पर हैं और यह किसी भी भारतीय विदेश मंत्री का बीते बीस सालों में यह पहला दौरा है। राजनाथ सिंह ने लंदन में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून से भी मुलाकात की। लंदन के ट्रिनिटी हाउस में ब्रिटिश रक्षा मंत्री ग्रांट शैप्स और राजनाथ सिंह ने भारत-ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के सीईओ के गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

-एजेंसी