राजस्थान: योजना भवन की अलमारी से करोड़ों की नकदी और 1 किलो सोना बरामद

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कैश को लेकर कर्मचारियों से की जा रही पूछताछ

जयपुर में रात 11 बजे पुलिस कमिश्रनर आनंद श्रीवास्तव ने पीसी करते हुए कहा कि योजना भवन स्थित डीओआईटी डिपार्टमेंट के बेसमेंट से ये कैश बरामद हुई है। यह राशि और सोना आधार कार्ड के कामकाज देखने वाले यूआईडी विभाग की अलमारी में रखे हुए थे। लैपटॉप बैग और ट्रॉली वाले सूटकेस से यह पैसा और सोना निकला। इसमें 500 और 2000 रुपये के नोट और सोना बिस्किट के रूप में मिला। सभी नोट पुराने हैं यानी कि नई गड्डियों के बजाय उपयोग में लिए गए नोटों के बंडल हैं। अब इस रकम और अलमारी के जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है।

कई दिनों से नहीं मिल रही थी चाबी

पुलिस कमिश्रर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि सचिवालय में फाइलों को स्कैन कर डिजिटल करने का काम चल रहा। इसी के तहत डीओआईटी के यूआईटी विभाग की फाइल भी स्कैन होनी थी। सैकड़ों अलमारियों में रखी फाइलों को स्कैन किया जा चुका है। इसी बीच यूआईटी विभाग के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों की चाबी कई दिनों से नहीं मिल रही थी। शुक्रवार को इन अलमारियों के ताले नई चाबियां बनवाकर खुलवाए गए तो इतनी बड़ी रकम और सोना मिला।

एक अलमारी से निकली फाइलें, दूसरी से रकम

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जब अलमारियों को खुलवाया गया तो एक अलमारी से फाइलें निकली और दूसरी से एक लैपटॉप बैग और ट्रॉली वाला सूटकेस निकला। इन्हें खोलकर देखा तो इसमें से ये रकम बरामद हुई। जिसे देखते ही कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए।

DOIT के एडिशनल डायरेक्टर महेश गुप्ता ने पहले मुख्य सचिव और फिर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में कौन लोग लिप्त हैं अभी इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो सका है।

सात से आठ कर्मचारियों से पूछताछ कर रही पुलिस

पुलिस 7-8 कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही कि किस कर्मचारी की एक्सेस यहां तक थी और कौन इसके मेंटनेंस और चाबी रखने की जिम्मेदारी संभालते थे। हालांकि मामले में किसी बड़े अधिकारी का हाथ हो सकता है। पुलिस इस पहलू को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही है।

किसी बड़े अधिकारी के जुड़े होने की आशंका

शॉर्ट टर्म में और रात 11 बजे अचानक मुख्य सचिव और डीजीपी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने के बाद ब्यूरोक्रेसी में चर्चा शुरू हो गई। इसके पीछे किसी बड़े अफसर का हाथ भी हो सकता है। यह रकम किसी अफसर की भ्रष्टाचार या अवैध तरीके से कमाई की हो सकती है। जिसे छापे के डर से यहां रखा गया है। हालांकि अभी यह जांच का विषय है कि आखिरी बार इस अलमारी की चाबी किसके पास थी और यह स्थल किस अधिकारी के जिम्मे था।

Compiled: up18 News