कानपुर में ट्रेन को धमाके से पलटाने की रची गयी साजिश; पटरी पर मिले सिलेंडर, पेट्रोल और बारूद… IB करेगी जांच

कानपुर में ट्रेन पलटाने की साजिश: पटरी से सिलेंडर, बारूद, पेट्रोल की बोतल बरामद

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कानपुर: देश में लगातार ट्रेनों को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, और अब कानपुर में एक नई साजिश का खुलासा हुआ है। कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पटरी पर रखे गए गैस सिलेंडर से टकराकर पलटने की कोशिश की गई, लेकिन सौभाग्य से बड़ा हादसा टल गया। कानपुर के अनवरगंज-कासगंज रूट पर रविवार को इस ट्रेन ने सिलेंडर से टकराने के बाद आपातकालीन ब्रेक लगाए, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई। ट्रेन के लोको पायलट ने संदिग्ध वस्तु को देखकर सावधानी बरती, लेकिन तब तक सिलेंडर से टकराव हो चुका था।

पुलिस को मौके से एक गैस सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद से भरा झोला मिला, जो इस घटना के पीछे किसी गहरी साजिश का संकेत देता है। कानपुर में कानून व्यवस्था के एसीपी हरीश चंदर ने बताया कि इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है और फॉरेंसिक टीम भी मौके पर मौजूद है। इस घटना के बाद इस रूट पर कई अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हुईं, हालांकि आवागमन बाद में सामान्य हो गया।

हालांकि, यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ समय में कई बार ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिशें की गई हैं। इसी तरह की एक घटना 17 अगस्त 2024 को कानपुर में हुई थी, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसके अलावा, राजस्थान और अलीगढ़ में भी रेलवे ट्रैक पर खतरनाक वस्तुएं रखी गई थीं। अलीगढ़ में भी पटरी पर मोटरसाइकिल के स्क्रेप रखे गए थे, इस मामले में अफ़सान नामक आरोपी गिरफ्तार किया गया था। वहीं, केरल में रेलवे की सिग्नल केबल चुराने में भी मुनव्वर और अब्बास को गिरफ्तार किया गया था, जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हुईं थीं। बंगाल में भी किसी ने रेलवे सिग्नल में अख़बार फंसा दिया था। ये सिग्नल बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, जिससे लोको पायलट को पता चलता है कि ट्रैक खाली है या नहीं ? वरना ट्रेनों की आमने-सामने की भिड़ंत हो सकती है।

अधिकारियों के अनुसार, यह हरकत असमाजिक तत्वों की हो सकती है। इसके पीछे उनका मकसद दहशत कायम करना है। चूंकि, बीते कई महीने से इस तरह की साजिश हो रही है और चार-पांच मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आरपीएफ इस मामले की जांच करेगी ही, साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों (आईबी) को भी शामिल किया जा रहा है।

पाकिस्तान से जुड़ रहा घटनाओं का संबंध

इन तमाम घटनाओं का संबंध कहीं न कहीं पाकिस्तान स्थित आतंकी फरहतुल्लाह गोरी से भी जुड़ रहा है, जो भारत में स्लीपर सेल्स के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले की साजिश रच रहा है। गोरी ने भारतीय एजेंसियों को चकमा देकर अपने गुर्गों यानी कट्टरपंथियों से प्रेशर कुकर बम जैसी चीजों से धमाके करने और ट्रेन पलटाने के लिए कहा है, ताकि सरकार को उखाड़ा जा सके। इसके पीछे का मकसद देश में अव्यवस्था फैलाकर जनता को भड़काना है। यहां बड़ा सवाल उठता है कि क्या ये साजिशें किसी बड़े सरकार विरोधी अभियान का हिस्सा हैं, ताकि किसी भी तरह देश की स्थिति को अस्थिर किया जा सके? कई विपक्षी नेता भी पहले से देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति बनने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन इन साजिशों पर उनकी चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है। ट्रेन बेपटरी होने पर राजनीति गरम हो जाती है, लेकिन जांच की मांग के बजाय, कुछ नेता इसे अपने सियासी एजेंडे का हिस्सा बना लेते हैं।

यह समय राजनीति से ऊपर उठकर देखने का है। यह खतरा सिर्फ सरकार या सत्ता के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है, और इसमें विपक्ष के नेता भी इस साजिश के शिकार हो सकते हैं। कट्टरपंथियों द्वारा रची जा रही इन साजिशों के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होना चाहिए, ताकि इस खतरे का सामना पूरी दृढ़ता से किया जा सके।

-एजेंसी