कांग्रेस में कलह थमती नजर नहीं आ रही। वसुंधरा के कथित भ्रष्टाचार की जांच नहीं होने के चलते सचिन पायलट अनशन पर बैठ गए हैं। वहीं दिल्ली से पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया कि जांच तो राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश की भी की जा रही है। उधर, रात करीब 11 बजे प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा कि पायलट से संपर्क में हैं, अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि है। इस बीच गहलोत खेमा फिलहाल खामोश है।
किसी विधायक या मंत्री को न्योता नहीं
सचिन पायलट के अनशन में न कोई भाषण होगा, न नारेबाजी होगी, न किसी विधायक या मंत्री को न्योता दिया है। सिर्फ कार्यकर्ता आएंगे और अनशन में शामिल होंगे। सचिन पायलट ने अनशन से एक दिन पहले ट्वीट कर राजस्थान के स्वाभिमान का संदेश देने की बात कही है। पायलट ने इसमें लिखा है कि मन में खुशी, चेहरे पर मुस्कान, हर दिल में बसता यहां, राजस्थान का स्वाभिमान। राजनीतिक गलियारों में चार लाइन के इस ट्वीट के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
मंत्री-विधायक को अनशन से रखा दूर
पायलट के अनशन के दौरान विधायक और मंत्री दूर रहेंगे। इसके पीछे खास रणनीति है। यदि विधायक आएंगे तो उनके संख्या बल को लेकर बात होगी। गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों को गिना जाता, ऐसे में अनशन का टारगेट तो पीछे रह जाता। साथ ही इसे अनुशासनहीनता के दायरे में लिया जाता जबकि कार्यकर्ताओं पर ऐसा कोई सवाल खड़ा नहीं हो पाएगा।
Compiled: up18 News
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