एशिया के सबसे अमीर शख़्स गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप ने मीडिया कंपनी NDTV में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीदा है. अब कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरा है और इसे बेशर्मी भरा क़दम बताया है.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस घटनाक्रम पर ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री के ‘ख़ास दोस्त’ की अत्यधिक ऋणी कंपनी द्वारा एक प्रसिद्ध टीवी न्यूज़ नेटवर्क के द्वेषपूर्ण अधिग्रहण की ख़बर आर्थिक और राजनीतिक ताक़त का केंद्रीकरण है. ये किसी भी रूप में स्वतंत्र दिख रही मीडिया को नियंत्रित करने और दबाने के लिए बेशर्मी भरा क़दम है.”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में मुकेश अंबानी और अडानी पर तंज़ करते हुए लिखा है, “इसमें रहस्यमय ये है कि कैसे ‘हमारे दो’ में से एक के दिए कर्ज़ का इस्तेमाल दूसरे ने एक टेलीविज़न नेटवर्क को हथियाने के लिए हथियार के तौर पर किया है. दुर्भाग्य से ‘विश्वप्रधान’ नाम की इकाई इसमें क़रीबी रूप से शामिल है. “
अडानी ग्रुप ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज़ एनएसई को बताया है कि वह एनडीटीवी में 26 फ़ीसदी और हिस्सेदारी ख़रीदने के लिए ओपन ऑफ़र भी लाएगी.
एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक़ अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड यानी वीसीपीएल में 100 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीद लिया है.
दरअसल, अडानी समूह ने एक कंपनी का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी ने साल 2008-09 में एनडीटीवी से जुड़े प्रमोटर्स को 250 करोड़ रुपए का कर्ज़ दिया था. कर्ज़ चुकाने के लिए दस साल का समय दिया गया था.
अब अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी को कर्ज़ देने वाली इसी कंपनी को ख़रीद लिया है, जिससे एनडीटीवी के 29.18 फ़ीसदी शेयर अडानी ग्रुप के पास चले गए हैं.
वहीं, एनडीटीवी की ओर से कहा गया है कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और ये फ़ैसला बिना किसी चर्चा के लिया गया है.
-एजेंसी