रहीम दास के दोहे को जरिया बना कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दी अपनी प्रतिक्रिया

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा,

चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, जाको कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह’।

रहीम दास के इस दोहे का अर्थ है, ‘जिन्हें कुछ नहीं चाहिए वो राजाओं के राजा हैं, क्योंकि उन्हें न तो किसी चीज की चाह है, न ही चिंता और मन तो बिल्कुल बेपरवाह है।

वहीं कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद चुनाव का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह फैसला ‘एक नेता एक पद’ के नियम को ध्यान में रखते हुए लिया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में ये फैसला लिया गया था कि कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं होगा।

कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को अंतिम दिन था। अध्यक्ष पद के लिए दिग्विजय सिंह भी नामांकन करने वाले थे, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया था। बता दें, मल्लिकार्जुन के साथ ही कांग्रेस सांसद शशि थरूर और झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन किया है।

खड़गे जी काफी सीनियर हैं, मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा: दिग्विजय

इतना ही नहीं, खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि खड़गे जी मुझसे काफी वरिष्ठ हैं। उन्होंने आगे कहा था कि मैंने उनसे पूछा था कि क्या वे चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई इरादा नहीं है।

सिंह ने कहा कि इसके बाद मीडिया के माध्यम से पता चला कि वे चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बाद मैंने उनसे मुलाकात की। इस दौरान मैंने कहा कि अगर वे फॉर्म भर रहे हैं, तो मैं चुनाव नहीं लडूंगा। मैं उनके साथ हूं। वे सीनियर नेता हैं, ऐसे में अगर वे चुनाव लड़ रहे हैं, तो मैं चुनाव लड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अब वे चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।

गांधी-नेहरू परिवार के लिए मैं हमेशा खड़ा रहा’

मध्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अपनी पूरी कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया और आगे भी करता रहूंगा। मैं हमेशा दलित-आदिवासियों और गरीबों के लिए खड़ा रहा, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ लड़ता रहा और गांधी-नेहरू परिवार के लिए मेरी प्रतिबद्धता। यह तीन चीजें हैं, जिनसे मैंने कभी समझौता नहीं किया। बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए. के. एंटनी, अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने हैं।

-एजेंसी