कांग्रेस ने सोमवार को नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत ने केवल इस पर अपना फैसला सुनाया कि आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 26(2) को घोषणा से पहले सही तरीके से लागू किया गया था या नहीं। यह कहना कि नोटबंदी का फैसला सही था, पूरी तरह से भ्रामक और गलत है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- न कुछ अधिक, न कुछ कम। एक न्यायाधीश ने अपने असहमतिपूर्ण मत में कहा है कि संसद की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के प्रभाव पर कुछ भी नहीं कहा गया है, जो एक विनाशकारी निर्णय था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने विकास की गति को नुकसान पहुंचाया, एमएसएमई को पंगु बना दिया, अनौपचारिक क्षेत्र को समाप्त कर दिया और लाखों लोगों की आजीविका नष्ट कर दी।
नोटबंदी से तमाम उद्देश्य हासिल नहीं हुए: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि फैसले में यह कहने के लिए कुछ नहीं है कि नोटबंदी के घोषित उद्देश्य पूरे हुए या नहीं। इनमें से कोई भी लक्ष्य, चलन में मुद्रा को कम करना, कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना, जाली मुद्रा पर अंकुश लगाना, आतंकवाद को समाप्त करना और काले धन का पता लगाना आदि को उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका।
सुप्रीम कोर्ट ने नोट बंदी पर 58 याचिकाएं की रद्द: रविशंकर प्रसाद
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिकता को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है… कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर हंगामा खड़ा किया था। नोटबंदी के अगले साल ही टैक्स कलेक्शन में 18% की वृद्धि हुई थी और 2.38 लाख शेल कंपनियां भी पकड़ी गई थीं।
नोट बंदी पर केंद्र सरकार का फैसला सही: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार के 2016 के 1,000 और 500 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को सही ठहराया। न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, ए.एस. बोपन्ना, वी. रामासुब्रमण्यम और बी.वी. नागरत्ना शामिल थे, केंद्र के 2016 के 1,000 और 500 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया। बहुमत का फैसला सुनाते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि, निर्णय लेने की प्रक्रिया को सिर्फ इसलिए गलत नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर से आया था।
Compiled: up18 News