उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए। जवाब देने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खड़े हुए और एक-एक करके एसपी चीफ के आरोपों पर पलटवार किया।
अपनी सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए काम गिनाते हुए योगी ने अखिलेश पर खूब तंज कसे। योगी ने कहा कि ‘हमें विरासत में जो विकृति मिली थी, उसी को हम सुधार रहे हैं।’
योगी ने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष की बातों से स्पष्ट हो रहा था कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे… उनको यह नहीं पता था कि वह जो बोल रहे हैं, किसको बोलना चाहते हैं। प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रही है।’ सीएम योगी ने विभिन्न स्वास्थ्य सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले पांच वर्षों में बेहतरीन सुधार हुआ है।
जब सपने तार-तार होते हैं तो… अखिलेश पर योगी का तंज
सीएम ने विधान सभा में सपा प्रमुख पर खूब तंज कसे। योगी ने कहा, ‘गोरखपुर की चर्चा नेता प्रतिपक्ष ने की। बोलते-बोलते उनको बहुत सारी चीजें याद आती हैं। स्वाभाविक रूप से जब कोई चीज… और खासतौर पर जनता जनार्दन अपना फैसला करके दे ही देती है… सपने जब तार-तार होते हैं तो उसका दुख तो होगा ही… और उनकी बातों में दुख झलक रहा था।’
इंसेफेलाइटिस के आंकड़े गिनाकर अखिलेश को दिया जवाब
योगी ने कहा, ‘ये सीजन पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए हमेशा भय का प्रतीक होता था। एक कंपकंपी छूटती थी जुलाई से लेकर के नवंबर तक। इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष वहां पर 1200, 1500, दो हजार तक मौतें होती थीं। अकेले गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज… पांच-पांच सौ मौतें अकेले उस मेडिकल कॉलेज की छत के नीचे होती थीं। जनपदों में जो मौतें हो रही थीं वो अलग थीं, जो अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते थे, वे अलग थीं। डबल इंजन की सरकार का प्रभाव है और संयुक्त कार्यवाही का परिणाम है कि आज इंसेफेलाइटिस से मौतें जीरो तक पहुंच रही हैं।’
सतीश महाना पर क्यों भड़के सपा अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश में विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की स्थिति बन गई। नियम 311 को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बहस हो गई। अखिलेश ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अपनी बात शुरू कर दी। इस पर महाना ने उनसे नियम के बारे में पूछा, जिसके बाद बहस होने लगी।
विधानसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी की तरफ से विशेषाधिकार हनन की नोटिस देने का फैसला किया गया। आज की मीटिंग में विशेषाधिकार हनन के नोटिस देने का मामला विधायकों के साथ तय हुआ था। इसको लेकर अखिलेश ने अपनी बात शुरू की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें टोक दिया। महाना ने पूछा कि जिस नियम 311 की बात आप कर रहे हैं, वो क्या कहता है।
स्पीकर महाना ने अखिलेश की तरफ मुखातिब होते हुए पूछा कि नेता प्रतिपक्ष आप नियम 311 के तहत बात कर रहे हैं। यह नियम क्या कहता है, आप बताइए।
अखिलेश बोले- ‘अगर उत्तर प्रदेश में जनता के हित में सवाल उठता है तो कार्यवाही रोककर चर्चा होनी चाहिए।’ महाना नहीं माने और पूछा कि आप पहले 311 को पढ़कर बताइए। अखिलेश बोले कि अगर विपक्ष को नहीं पता है। हम लोग अगर नहीं समझ पा रहे हैं तो स्पीकर महोदय, आप ही हमें समझा दीजिए।
इसके बाद सपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने स्पीकर महाना से कहा, ‘सारे नियमों को निलंबित करके हमारी बात को सुना जाए। यही नियम 311 है।’ इस पर महाना ने कहा कि कौन से नियम निलंबित किए जाएं, तो पांडेय ने जवाब में कहा कि सारे नियम।
महाना ने फिर सवाल दागा- फिर तो सारे नियमों को निलंबित कर देना चाहिए। नियम 51, नियम 56, नियम 301 सभी निलंबित कर दिए जाएं।
दरअसल, कल विधानसभा सत्र के पहले दिन अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के विधायकों के साथ पार्टी दफ्तर से लेकर विधानसभा तक पैदल मार्च शुरू किया। इस पर पुलिस ने पहले से जानकारी नहीं देने और तय रूट का पालन नहीं करने की बात करते हुए जुलूस को रोक दिया। अखिलेश जमीन पर बैठ गए और फिर वापस लौट गए।
-एजेंसी
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