अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर मास्को सम्मेलन में चीनी रक्षामंत्री ली शांगफू ने कहा कि चीन की मुख्यभूमि के साथ ताइवान का एकीकरण ‘अवश्यंभावी’ है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, ‘ली ने इस बात का उल्लेख किया कि ताइवान का सवाल चीन का आतंरिक मामला है जिसमें किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चीन का एकीकरण एक अवश्यंभावी ऐतिहासिक ट्रेंड है। ताइवान का सवाल आग के साथ खेलना होगा और चीन को ताइवान के जरिए घेरने की कोशिश बिना किसी संदेह के फेल होगी।’
ताइवान सुरक्षित रहेगा तो दुनिया सुरक्षित रहेगी
ली का यह बयान ठीक उसी तरह से है जैसे चीनी अधिकारी देते रहे हैं लेकिन इसमें सबसे खास बात जगह की है। चीनी रक्षा मंत्री रूस की राजधानी मास्को में थे और यूक्रेन युद्ध के बीच उनका यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले चीन ने ताइवान के उप राष्ट्रपति के अमेरिका के रुकने पर अपनी जमकर भड़ास निकाली थी। ताइवान के उपराष्ट्रपति और आगामी चुनाव में राष्ट्रपति पद के प्रबल उम्मीदवार विलियम लाई पराग्वे जाते समय अमेरिका में कुछ समय के लिए रुके थे।
ताइवानी उपराष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क में एक बयान में कहा था, ‘जब ताइवान सुरक्षित रहेगा, दुनिया सुरक्षित रहेगी। अगर ताइवान स्ट्रेट में शांति रहती है तो दुनिया में शांति रहेगी।’ उन्होंने कहा कि तानाशाही का चाहे जितना ही बड़ा खतरा क्यों न हो, ताइवान डरेगा नहीं और हम लोकतंत्र के मूल्य और स्वतंत्रता को बरकरार रखेंगे। चीन ने कहा है कि वह अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आरोप लगाया था कि अमेरिका वैश्विक संघर्षों में आग में घी डालने का काम कर रहा है। इसमें यूक्रेन के प्रति समर्थन शामिल है।
Compiled: up18 News