चीन ने रूस को दिया बड़ा झटका: विमानों के कलपुर्जे देने से किया इंकार… अब दोस्‍त भारत से ही मदद की उम्‍मीद

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यूक्रेन पर हमले के बाद बुरी तरह से अमेरिकी प्रत‍िबंधों की मार झेल रहे रूस को चीन ने बड़ा झटका दिया है। रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि चीन ने उसे विमानों के कलपुर्जों को देने से इंकार कर दिया है। रूसी अधिकारी ने कहा कि चीन ने विमानों के कलपुर्जों की मदद नहीं देने का फैसला किया है। अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूस को विमानों के कलपुर्जे मिलने में बहुत दिक्‍कत हो रही है। चीन के इंकार करने के बाद अब रूस को अपने दोस्‍त भारत से मदद की उम्‍मीद है।

रूस के फेडरल एयर ट्रांसपोर्ट एजेंसी के अधिकारी वलेरी कुदिनोव ने कहा कि फरवरी महीने के अंत तक रूस में रजिस्‍टर किए गए करीब 70 एयरक्राफ्ट थे। उन्‍होंने कहा कि विमानों की मरम्‍मत और कलपुर्जों के आयात को सुलझाया जाना बाकी है। कुदिनोव ने कहा, ‘जहां तक मैं जानता हूं कि चीन ने इंकार कर दिया है।’ इन कलपुर्जों के लिए अब तुर्की और भारत से आयात की संभावना को तलाशा जाएगा।

रूस ने भारत से इस मदद की उम्‍मीद ऐसे समय पर जताई है जब चीन से तनाव के बीच रूस ने भारत को बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्‍लाई की थी। ऐसे में अब भारत पर काफी दबाव रहेगा। हालांकि इससे अमेरिकी प्रतिबंधों का भारत पर भी डर बना रहेगा।

रूसी विमानों के खड़े हो जाने का खतरा पैदा हुआ

कुदिनोव ने कहा कि प्रत्‍येक कंपनी अपने बातचीत करेगी। दरअसल, दुनिया की दो दिग्‍गज विमान निर्माता कंपनियों बोइंग और एयरबस ने विमान के उपकरणों को रूसी एयरलाइन को सप्‍लाइ करना बंद कर दिया है। इससे रूसी विमानों के खड़े हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच रूसी सरकार के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद शुक्रवार को एक आपात बैठक करेगी। इससे पहले रूस ने दावा किया था कि अमेरिका यूक्रेन की प्रयोगशालाओं में जैविक हथियारों के विकास के लिए धन मुहैया करा रहा है।

रूस ने दावा किया है कि हाल ही में मिले दस्तावेज से पता चला है कि जैविक हथियारों को अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा दिए गए वित्त पोषण से उन्हें यूक्रेनी प्रयोगशालाओं में बनाए गए। हालांकि मंत्रालय ने दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया। रूस ने यह भी कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य जैविक कार्यक्रम के तहत लविवि, खार्किव और पोल्टावा में 30 से अधिक प्रयोगशालाएं एजेंटों के साथ काम कर रही हैं। इस बीच अमेरिका ने आरोपों को खारिज कर दिया, वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि यह यूक्रेन और अन्य देशों में वर्षों से रूसियों द्वारा बार-बार देखा गया है, जिसे खारिज कर दिया गया है।

-एजेंसियां