आगरा: बाल तस्करी रोकने को चाइल्ड लाइन ने चलाया जागरूकता और हस्ताक्षर अभियान

Press Release

आगरा: ट्रेन हर प्रकार की तस्करी का एक सुगम साधन बन चुका है। बाल तस्करी भी इससे अछूती नहीं रही है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग छोटे-छोटे मासूमों को डरा धमका कर या फिर उन्हें बेहोश करके आसानी से ट्रेन के माध्यम से उनकी तस्करी कर देते हैं। बाल तस्करी के प्रति लोग जागरूक हो सकें और किसी मुसीबत में बच्चे को देख उसकी मदद कर सकें, इस को लेकर चाइल्डलाइन की ओर से जागरूकता और हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।

आगरा कैंट स्टेशन पर चलाए गए इस अभियान में आरपीएफ, जीआरपी, चाइल्डलाइन के पदाधिकारियों के साथ-साथ आम जनमानस ने भी भाग लिया और बाल तस्करी को रोकने के लिए उठी आवाज को और ज्यादा मजबूत बनाया।

हस्ताक्षर अभियान में भाग लेने वाले जीआरपी और आरपीएफ के पदाधिकारियों का कहना था कि बाल तस्करी के गिरोह और रैकेट को तोड़ने के लिए जीआरपी व आरपीएफ जुटी हुई है। ट्रेनों में गश्त के दौरान विशेष रुप से नजर रखी जाती है कि कोई छोटा बच्चा अकेला ट्रेन में सफर तो नहीं कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो उसे चाइल्डलाइन के सुपुर्द किया जाता है। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति पर शक भी होता है तो उसके बच्चे और उस व्यक्ति दोनों से पूछताछ की जाती है।

इस समय चाइल्ड लाइन दोस्ती सप्ताह का आयोजन कर रहा है। जिसके अंतिम दिन आगरा कैंट स्टेशन पर बाल तस्करी को रोकने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान स्टेशन पर आने वाले यात्रियों ने बैनर पर हस्ताक्षर किए और बाल तस्करी कानून को और ज्यादा मजबूत बनाने की मांग में चाइल्डलाइन का साथ दिया।

चाइल्डलाइन के पदाधिकारियों ने बताया कि जो बच्चे बाल तस्करी का शिकार हो जाते हैं, वह एक ऐसे दलदल में फंस जाते हैं जिनका शोषण होता है। ऐसे बच्चों का शोषण ना हो बच्चों की जिंदगी बर्बाद ना हो, इसलिए चाइल्डलाइन बाल तस्करी को पूरी तरह से रोकने का प्रयास कर रही है और यह प्रयास आम जनमानस की सहभागिता के बिना संभव नहीं हो सकता।

इस अभियान के दौरान चाइल्डलाइन के पदाधिकारियों ने लोगों से अपील की कि तस्करी के दलदल में फंसे बच्चों की कोई भी जानकारी मिले या किसी पर शक हो तो वह चाइल्डलाइन को सूचित जरूर करें जिससे उस सूचना पर कार्रवाई हो सके।