विश्व डायबिटीज डे पर आगरा जिला अस्पताल में लगाया गया विशेष कैंप

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आगरा: हर वर्ष ‘वर्ल्ड डायबिटीज डे’ हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिवस के मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता लाना है। जिससे लोग इस गंभीर बीमारी को हल्के में न लें और समय से दवा के साथ-साथ अपने खानपान का भी ध्यान रखें।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल डायबिटीज से 40 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल है। डायबिटीज महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग, यूथ किसी को भी हो सकती है। इसके लक्षण पहचानने और इसका समय पर इलाज कराने की जरूरत है। लोगों को इस बीमारी के लिए जागरूक करने के लिए यह खास दिन मनाया जाता है।

विश्व डायबिटीज डे के अवसर पर आगरा के जिला अस्पताल में विशेष रुप से कैंप लगाया गया। जिला अस्पताल में आने वाले अधिकतर पेशेंट्स की डायबिटीज की भी जांच की गई। जांच के दौरान जिन लोगों को डायबिटीज नहीं थी, उन्हें अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देने को कहा गया। जिन लोगों को डायबिटीज थी उन्हें उचित परामर्श भी दिया गया जिससे उनके लिए डायबिटीज घातक बीमारी के रूप में परिवर्तित न हो।

इस दिन का इतिहास

आगरा जिला अस्पताल के डिप्टी सीएमएस सीपी वर्मा ने बताया कि हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। आज ही के दिन यानी 14 नवंबर 1922 को इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन होता है। उनके जन्मदिन के अवसर पर यह दिन मनाया जाता है। हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को सही रखने के लिए इंसुलिन का बहुत बड़ा रोल है। सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। इस इंसुलिन के माध्यम से ही जो लोग डायबिटीज के रोगी हैं उनकी डायबिटीज को कंट्रोल किया जाता है।

इस वर्ष यह है थीम

इस साल की थीम एजुकेशन टू प्रोटेक्ट टुमॉरो (education to protect tomorrow) है। जिसका उद्देश्य PAHO स्वास्थ्य टीम और मधुमेह से पीड़ित लोगों , उनकी देखभाल करने वालों और सामान्य रूप से समाज दोनों के लिए मधुमेह पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को मजबूत करना है।

बीमारी का कारण

जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों ने बताया कि गलत जीवन शैली, खराब खान-पान, अपर्याप्त नींद और तनाव हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं होता कि उनका इन समस्याओं के कारण शुगर लेवल बढ़ गया है। अगर आप अपने शरीर से आने वाले संकेतों पर ध्यान दें तो इस बीमारी को शुरुआत में बढ़ने से रोका जा सकता है। इनका समय पर इलाज किया जाए तो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है।

मधुमेह से पहले दिखने वाले लक्षण

मधुमेह होने से पहले शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं जिनमें पसीना और चक्कर आना मुख्य है। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के बाद बॉडी का तापमान असंतुलित होने लगता है। मधुमेह शरीर के तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता को कम कर देता है। इससे अत्यधिक पसीना आना या बहुत कम पसीना आना जैसे लक्षण हो सकते हैं। पैरों पर पसीना आना, चक्कर आना मधुमेह के कुछ प्रमुख लक्षण हैं। अचानक से वजन कम होने पर भी डॉक्टरी सलाह लें।

परहेज रखना बहुत जरूरी

चिकित्सक वर्मा ने बताया कि जो लोग डायबिटीज के रोगी होते हैं उनके लिए खानपान की काफी वस्तुओं पर प्रतिबंध लग जाता है। अगर वह उन वस्तुओं को लेकर परहेज नहीं करेंगे तो उनकी बीमारी और अधिक बढ़ जाती है जिसका प्रभाव शरीर के किसी भी अंग पर भी पड़ सकता है। इसीलिए जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें परहेज के साथ-साथ योग अभ्यास भी अवश्य करना चाहिए।