मिग-21 लड़ाकू विमान अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा नहीं होंगे। इन फाइटर जेट की जगह LCA तेजस विमान लेंगे। आईएएफ चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी है। उन्हों ने बताया कि हमने तेजस फाइटर जेट के LCA मार्क 1A की 83 खेप के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया है। वायुसेना चीफ ने कहा कि हम तेजस LCA मार्क 1A के कुल 180 विमान चाहते हैं। वी आर चौधरी ने बताया कि हमें अभी 97 और ऐसे विमानों की जरूरत है।
मिग-21 की जगह लेंगे तेजस के ये विमान
भारतीय वायुसेना चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि हम 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमानों को उड़ाना बंद कर देंगे और उनकी जगह LCA तेजस विमान लेंगे। एक महीने के भीतर ही एक मिग-21 स्क्वाड्रन को सेवा से हटा लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि हमने 83 LCA मार्क 1A विमानों के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। हम ऐसे 97 और फाइटर जेट चाहते हैं। इसके बाद तेजस के इन विमानों की संख्या 180 हो जाएगी।
तेजस के LCA Mk-1A की खासियत जानिए
यह तेजस विमान का अपग्रेडेड वर्जन है। इसमें कई आधुनिक उपकरण लगे हैं। रडार वॉर्निंग रिसीवर, आत्मरक्षा के लिए जैमर पॉड सहित और भी कई खासियतें हैं। यह विमान हवा से हवा, हवा से सतह पर मार करने के लिए सबसे सटीक हथियार है। यह विमान वजन में भी हल्का है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ही बनाएगा। यह अपनी श्रेणी का सबसे हल्का और सबसे छोटा बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
विरोधियों से करेंगे कड़ा मुकाबला
आईएएफ चीफ वीआर चौधरी ने बताया कि हम खुफिया तरीके और निगरानी की मदद से लगातार बॉर्डर पार की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। हमारी परिचालन योजनाएं गतिशील हैं और विकासशील स्थितियों के अनुसार बदलती हैं। उन जगहों पर जहां हम संख्या में विरोधियों का मुकाबला नहीं कर सकते, हम बेहतर रणनीति के माध्यम से उनका मुकाबला करेंगे। हम इनपुट के अनुसार अपनी ISR योजनाओं को लगातार संशोधित करते रहते हैं।
चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है सेना
हमारे क्षेत्र में अस्थिर और अनिश्चित भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण, एक मजबूत और विश्वसनीय सेना की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। भारत-प्रशांत क्षेत्र दुनिया का नया आर्थिक और रणनीतिक गुरुत्वाकर्षण केंद्र है। यह हमें चुनौतियों और अवसरों दोनों की पेशकश करता है।
भारतीय वायुसेना, अपनी क्षमता के साथ सबसे दूर देखने, सबसे तेजी से पहुंचने और सबसे कठिन प्रहार करने में इन चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और क्षेत्र में भारत की ताकत को प्रोजेक्ट करने में एक धुरी बनी रहेगी।
Compiled: up18 News