केंद्र सरकार ने बिहार में RLJD नेता उपेंद्र कुशवाहा को ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी है. क़रीब 2 महीने पहले ही कुशवाहा को Y+ सुरक्षा दी गयी थी.
जेडीयू से बग़ावत कर उपेंद्र कुशवाहा अपनी नई पार्टी बना चुके हैं और माना जाता है कि उपेंद्र कुशवाहा जल्द ही BJP से जुड़ सकते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की तरफ से बताया गया है कि अगले आठ- दस दिनों में उनको नई सुरक्षा मिल जाएगी.
बिहार में बीजेपी के विरोधी दलों का आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर ही कुशवाहा ने जेडीयू से इस्तीफ़ा दिया है और अपनी नई पार्टी बनाई है.
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ़ से मुकेश सहनी को भी इसी कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. मुकेश सहनी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के प्रमुख भी हैं.
जबकि लोजपा (रामविलास) के नेता और सांसद चिराग पासवान को भी गृह मंत्रालय ने कुछ ही महीने पहले ज़ेड कैटेगरी की सुरक्षा दी है.
माना जाता है कि नेताओं को सुरक्षा देकर उनको रिझाने की भी कोशिश की जाती है.
दरअसल, भारत में किसी नेता के साथ सरकारी सुरक्षा होना उसकी हैसियत से भी जुड़ा है. जिसके पास जितनी सुरक्षा, वह उतना बड़ा नेता माना जाता है.
हालांकि बीजेपी कहती रही है कि सरकार किसी भी वीआईपी को आईबी की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा देती है, इसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है.
ख़ास बात यह भी है कि ये सारे नेता फ़िलहाल छोटी-छोटी पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं. इन सभी के पास कुछ इलाक़ों या कुछ समुदायों में अपना वोट बैंक माना जाता है.
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास भी बिहार में क़रीब तीन फ़ीसदी वोट माना जाता है. जेडीयू और बीजेपी के अलग होने के बाद चुनावी समीकरण में बीजेपी को बिहार में ऐसे साझेदारों की ज़रूरत भी दिखती है, जिनके पास कुछ ख़ास समुदायों में अपना वोट हो.
Compiled: up18 News