दिल्ली शराब घोटाला मामले पर सीबीआई और आयकर विभाग की भी नजर

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सीबीआई और आयकर विभाग की भी नजर

दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई और आयकर विभाग की भी नजर है। इन दोनों एजेंसियों ने भी आबकारी नीति घोटाला मामले में अलग-अलग जांच की पुष्टि की है। अदालत में दायर दस्तावेजों के अनुसार, इन दोनों एजेंसियों ने भी इसी तहर की जानकारी कोर्ट को दी है।

ईडी इस एंगल से भी कर रही है जांच

प्रवर्तन निदेशालय अब इस मामले में हवाला ऑपरेटरों और अंगड़ियाओं के भी नेटवर्क का जांच कर रहा है। ईडी ने हाल ही में दावा किया था कि इन फंडों में कथित मनी लॉन्ड्रिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके राजनीतिक संगठन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। मालूम हो कि इस कथित 45 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि मामले में ईडी ने पांच आंगड़िया फर्म संचालकों के बयान भी दर्ज कर लिये हैं।

एजेंसी ने इन लोगों को किया है गिरफ्तार

मालूम हो कि ईडी ने अब तक इस मामले में 16 प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया एवं आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित अन्य कई प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं।

क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?

दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री में गड़बड़ी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में अपनी नई उत्पाद शुल्क नीति में सुधार करती है। पहले दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री सरकारी और निजी ठेके के बीच समान तरीके से होती थी। इससे उत्पाद शुल्क विभाग को हर साल लगभग 4,500 करोड़ रुपये मिलता था।

दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में सरकार ने खुदरा कारोबार को पूरी तरह से निजीकरण कर दिया। इस तरह उत्पाद शुल्क की चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लग गया। इससे 10,000 करोड़ रुपये के राजस्व की कमाई का लक्ष्य रखा गया। राजधानी के सभी 272 नगरपालिका वार्डों में से प्रत्येक में कम से कम दो शराब की दुकानें खोली जानी थी।

क्या है आरोप?

एजेंसी ने दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी AAP, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने का आरोप लगाया है। वही, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी आप की संपत्तियों को भी इस कथित घोटाले के माध्यम से उत्पन्न अपराध की आय के बराबर बताते हुए कुर्क कर सकती है।

-एजेंसी