आगरा। शहर में स्वयं को आईपीएस अधिकारी बताकर दहेज में मोटी रकम हड़पने का मामला सामने आया है। आरोपी ने लड़की पक्ष को बताया कि उसका आईपीएस में चयन हो गया है। वह जल्द ही ट्रेनिंग पर चला जाएगा। यह कहकर उसने एक युवती से शादी रचा ली। शादी में उसे लाखों रुपये का दहेज और एक महंगी कार भी मिल गई, लेकिन जब उसकी असलियत लड़की के सामने आयी तो उसकी मुसीबतें और बढ़ गईं।
पीड़ित परिवार का कहना है कि अपने आप को आईपीएस बताने वाला युवक कभी ट्रेनिंग पर नहीं गया। वह पहले से ही शादीशुदा निकला। उसकी एक बेटी है, जिनके साथ वह नोएडा के फ्लैट में रहता है। पीड़िता को जान से मारने की साजिश से घर में टॉर्चर किए जाने लगा। पीड़िता ने आज शनिवार को एसएसपी से फरियाद लगाई। एसएसपी ने कार्रवाई की बात कही है।
कालिंदी विहार की रहने वाले श्रीनिवास ने 15 मार्च, 2021 को अपनी बेटी खुशबू की शादी औरंगाबाद, मथुरा के रहने वाले संजय पुत्र रनवीर सिंह ने की थी। उन्हें बताया गया था कि संजय का चयन आईपीएस में हो गया है और वह अगले महीने मसूरी ट्रेनिंग पर जा रहा है। जल्द ही शादी कर ली जाए तो ठीक है, नहीं तो वह तीन साल बाद ही लौटकर आएगा।
श्रीनिवास ने बताया कि जब वह संजय के घर पर गए तो उसका रुआब देखकर चौंक गए थे। उसके साथ पुलिस की वर्दी में एक गार्ड रहता था। गाड़ी में एक ड्राइवर भी साथ चलता था। आसपास के लोग भी यही कहते थे कि संजय का चयन आईपीएस के लिए हो गया है। इस चकाचौंध में आकर उन्होंने अपनी बेटी की शादी धूमधाम से कर दी। शादी होने के बाद वह ट्रेनिंग पर नहीं गया। श्रीनिवास ने बताया कि उन्होंने दहेज के तौर पर संजय को 15 लाख कैश, 20 लाख रुपये की लक्जरी कार और लाखों का सोना भी दिया था।
पीड़िता खुशबू ने बताया कि शादी के बाद वह वृंदावन घूमने गई तो संजय अपने साथ एक ड्राइवर और एक सुरक्षा गार्ड लेकर गया था। उसके पास एक फॉरच्यूनर कार भी है। वह कहीं भी जाता था उसके साथ हमेशा गार्ड रहता था। खुशबू के पिता श्रीनिवास ने बताया कि संजय का क्षेत्र में रुआब बना हुआ है। हर कोई उसे आईपीएस समझकर नमस्ते करता है। जब वह अपनी बेटी की शिकायत पर घर पहुंचे तो उन्हें अहसला दिखाकर धमकाकर भगा दिया।
इसके बाद उन्होंने मथुरा में शिकायत की थी, लेकिन वहां उनकी शिकायत नहीं ली गई और फिर थाना एतमाददौला में विगत तीन अगस्त को संजय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें पुलिस ने दहेज और मारपीट का मुकदमा पंजीकृत किया है।
पीड़ित श्रीनिवास का कहना है कि प्राथमिकी में आईपीएस बनकर धोखाधड़ी करने की धाराएं नहीं लगाई गई थीं, उन्होंने शनिवार को एसएसपी प्रभाकर चौधरी से मिलकर अपनी गुहार लगाई है। उनकी शिकायत पर एसएसपी ने मामले की जांच करवाने को कहा है।
-एजेंसी
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