आगरा: थाना हरिपर्वत पुलिस ने शहर के एक बिल्डर प्रखर गर्ग को चेक बाउंस के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। बिल्डर पर ढाई करोड़ रुपये हड़पने का आरोप था। उसके चेक बाउंस होने पर अधिवक्ता ने बिल्डर दंपती समेत चार के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई थी। न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। आरोपी को पुलिस ने न्यायालय में प्रस्तुत किया, वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बता दें कि थाना हरीपर्वत क्षेत्र की बाग फरजाना कालोनी निवासी अधिवक्ता अनुराग गुप्ता ने पिछले वर्ष अगस्त में प्राथमिकी लिखाई थी, जिसमें प्रखर गर्ग उनकी पत्नी और भरतपुर हाउस कालोनी हरीपर्वत निवासी कारोबारी अरुण कुमार सोढ़ी एवं उनकी पत्नी को आरोपित बनाया था। अनुराग गुप्ता ने आरोप लगाया था कि प्रखर गर्ग काे उन्होंने व्यापार में लगाने के लिए रुपये दिए थे। आरोपितों ने उनसे कहा था कि व्यापार में मुनाफा होगा।
थाना हरिपर्वत पुलिस ने शहर के एक बिल्डर प्रखर गर्ग को चेक बाउंस के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। बिल्डर पर ढाई करोड़ रुपये हड़पने का आरोप था। उसके चेक बाउंस होने पर अधिवक्ता ने बिल्डर दंपती समेत चार के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई थी। न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। आरोपी को पुलिस ने न्यायालय में प्रस्तुत किया, वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बता दें कि थाना हरीपर्वत क्षेत्र की बाग फरजाना कालोनी निवासी अधिवक्ता अनुराग गुप्ता ने पिछले वर्ष अगस्त में प्राथमिकी लिखाई थी, जिसमें प्रखर गर्ग उनकी पत्नी और भरतपुर हाउस कालोनी हरीपर्वत निवासी कारोबारी अरुण कुमार सोढ़ी एवं उनकी पत्नी को आरोपित बनाया था। अनुराग गुप्ता ने आरोप लगाया था कि प्रखर गर्ग काे उन्होंने व्यापार में लगाने के लिए रुपये दिए थे। आरोपितों ने उनसे कहा था कि व्यापार में मुनाफा होगा।
अनुराग के अनुसार, उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी तो प्रखर गर्ग टालमटोल करने लगे। बाद में एक चेक दिया, जो बाउंस हो गया। अधिवक्ता ने आरोपियों पर करीब ढाई करोड़ रुपये धोखाधड़ी कर हड़पने का आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि मामले में प्रखर गर्ग के विरुद्ध न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। आरोपी को पकड़ने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने प्रखर गर्ग समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध इस वर्ष जनवरी में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। पुलिस के अनुसार बिल्डर पर धोखाधड़़ी के कई मामले में दर्ज हैं।
गौरतलब है कि यह बिल्डर सबसे पहले कमलानगर में पूर्व के वर्षों में सजी जनकपुरी के दौरान चर्चा में आया था। उसके कुछ समय बाद आयकर विभाग ने भी उसके यहां सर्च आपरेशन चलाया था। कुछ अन्य विवादों में भी इस बिल्डर का नाम चर्चा में आता रहा है। दयालबाग क्षेत्र में भी भूमि विवाद से इसका नाम जुड़ता रहा है।
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