कोलेस्ट्रॉल को लेकर तोड़‍िए अपनी गलत धारणाएं, डायबिटीज और दिल की बीमारियां भी रहेंगी कोसों दूर  

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कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं- अच्छा और बुरा. अच्छे कोलेस्ट्रॉल को हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल को लो डेनसिटी कोलेस्ट्रॉल (LDL) के नाम से जाना जाता है.

अक्सर कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के मन में गलत धारणाएं हैं. लेकिन आप शायद ही इस बात को जानते होंगे कि अगर हमारी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल न हो तो हम ज्यादा देर तक जिंदा ही नहीं रह पाएंगे. दरअसल, कार्डियोवस्कुलर हेल्थ को ठीक रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल का अहम रोल होता है.

कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं- अच्छा और बुरा. अच्छे कोलेस्ट्रॉल को हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल को लो डेनसिटी कोलेस्ट्रॉल (LDL) के नाम से जाना जाता है. हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन यानी अच्छे कोलेस्ट्रेल के हमारे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं. यहां हम आपको बताने वाले हैं कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी हैं.

दिल के लिए जरूरी

एचडीएल कोलेस्ट्रॉलरक्तप्रवाह से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है) को हटाने में मदद करता है. इस प्रक्रिया को रिवर्स कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्ट के रूप में जाना जाता है, जो धमनियों में प्लाक बनने और रुकावट के जोखिम को कम करता है.

एंटी इंफ्लामेटरी

एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो धमनियों को सूजन से निपटने में मदद करते हैं. सूजन को कम करके एचडीएल कोलेस्ट्रॉल एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) को रोकने में मदद करता है.

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस

एचडीएल कोलेस्ट्रॉल एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है, जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है. यह रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

डायबिटीज में भी फायदेमंद

शोध से पता चला है कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में भूमिका निभाता है. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर बेहतर ग्लूकोज मेटाबॉलिज्मऔर टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है.

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और धूम्रपान से परहेज समेत हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतें अपनाकर आप शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं.

-एजेंसी