कोरोना वायरस के नए नए वेरिएंट ने अब भी लोगों को परेशान कर रखा है. सिर्फ़ कोविड-19 ही क्यों, बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जो वक़्त से पहले लोगों की ज़िंदगी छीन लेती हैं.
ऐसे में जब कोई ‘जीवेत शरद: शतम्’ यानी सौ साल जीने का आशीर्वाद देता है तो वो आशीर्वाद सच कैसे साबित हो, आख़िर क्या करें कि सौ साल या उससे ज़्यादा जिएं?
इन सवालों के जवाब हमें दुनिया के उन इलाक़ों में रहने वालों से मिल सकते हैं, जहां के लोगों की औसत आयु बाक़ी दुनिया से कहीं अधिक है. जहां के रहने वाले अक्सर सौ साल से ज़्यादा जीते हैं.
आख़िर लंबी उम्र का राज़ क्या है, किन जगहों के लोग सबसे अधिक उम्र तक जीते हैं?
मध्य अमरीकी देश कोस्टारिका का निकोया, इटली का सार्डीनिया, यूनान का इकारिया, जापान का ओकिनावा और अमरीका के कैलिफ़ोर्निया राज्य का लोम्बा लिंडा. ये दुनिया के वो छह इलाक़े हैं जिन्हें वैज्ञानिक ‘ब्लू ज़ोन’ कहते हैं. जहां के रहने वालों की औसत उम्र बाक़ी दुनिया से कहीं ज़्यादा है. इन छह जगहों पर रहने वालों के सौ साल की उम्र तक पहुंचने की संभावना ज़्यादा होती है.
इन इलाक़ों को ब्लू ज़ोन सबसे पहले इटली के महामारी विशेषज्ञ गियान्नी पेस और बेल्जियम के आबादी विशेषज्ञ माइकल पोउलेन ने कहा था. उसके बाद पेस और पोउलेन ने अमरीकी पत्रकार डैन ब्यूटेनर के साथ मिल कर इन छह जगहों के बारे में किताब भी लिखी.
लंबी उम्र की लॉटरी
डैन ब्यूटेनर ने अपनी किताब के लिए रिसर्च के दौरान पाया कि ब्लू ज़ोन कहे जाने वाले इलाक़ों में रहने वालों की ज़िंदगी में कई ख़ूबियां हैं.
पहली चीज़ तो है खानपान. ब्लू ज़ोन इलाक़ों में रहने वाले लोग कम खाते हैं. जैसे कि जापान के ओकिनावा में लोग अस्सी फ़ीसद पेट भरने के बाद खाना बंद कर देते हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हम दस फ़ीसद कैलोरी कम ले लेते हैं तो इससे उम्र बढ़ने की रफ़्तार धीमी हो जाती है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जीन विशेषज्ञ डी. गोविंदराजू कहते हैं कि कम खाना खाने से हमारे डीएनए में नुक़सानदेह परिवर्तन नहीं होते.
दूसरी बात ये है कि ब्लू ज़ोन वाले इलाक़ों में लोग शाकाहारी खाने को तरज़ीह देते हैं. इससे भी उनके मेटाबॉलिज़्म यानी खाना पचाने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है.
आध्यात्मिक संबंध
खानपान की आदतों के अलावा ब्लू ज़ोन में रहने वालों के सामाजिक जीवन की भी अहमियत है. इन सभी क्षेत्रों के लोग ऐसे समुदायों में रहते हैं, जिनके बीच आपसी संबंध बेहद मज़बूत हैं और रिसर्च से ये बात साबित हो चुकी है कि मज़बूत सामाजिक संबंध हमारा तनाव कम करते हैं. दोस्ती या अन्य सामाजिक रिश्ते हमारी मानसिक और शारीरिक गतिविधियों के लिए अच्छे माने जाते हैं. अच्छे संबंध हमारे स्वास्थ्य को उसी तरह प्रभावित करते हैं, जैसे खान-पान और वर्ज़िश.
सौ साल से ज़्यादा उम्र तक जीने के लिए धार्मिक आस्था भी अहम रोल निभाती है क्योंकि ब्लू ज़ोन के लोग धार्मिक आस्था वाले होते हैं. जैसे कि कैलिफ़ोर्निया के लोमा लिंडा के रहने वाले लोग जहां सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च के अनुयायी हैं वहीं कोस्टारिका के निकोया और इटली के सार्डीनिया के रहने वाले कैथोलिक ईसाई हैं. ग्रीस के इकारिया द्वीप के रहने वाले ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च में विश्वास रखते हैं.
डैन ब्यूटेनर ने अपनी किताब में लिखा था कि उन्होंने ब्लू ज़ोन में क़रीब ढाई सौ लोगों से बात की. ये सभी लोग किसी न किसी आध्यात्मिक समुदाय का हिस्सा थे.
धार्मिक आस्था हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभा सकती है. अगर आप परेशान हैं तो आप धर्म की शरण ले सकते हैं. इससे आपकी उम्र पांच वर्ष तक बढ़ सकती है.
तो हो जाए एक प्याली?
इन मोटी बातों के सिवा दुनिया के छह ब्लू ज़ोन या अधिक औसत आयु वाले इलाक़ों की अपनी अपनी ख़ास ख़ूबियां हैं. जैसे कि ग्रीस के इकारिया द्वीप के लोग दिन में कई बार चाय या कॉफ़ी पीते हैं. जानकार कहते हैं कि दिन में इन गर्म पेय पदार्थों के कुछ प्याले दिल की बीमारियों से दूर रखते हैं क्योंकि इनमें कई छोटे छोटे पोषक तत्व जैसे कि मैग्नीशियम, पोटैशियम, नियासिन और विटामिन ई पाए जाते हैं.
इन पेय पदार्थों की मदद से टाइप-2 डायबिटीज़ से भी बचा जा सकता है. इससे आपकी खाना पचाने की क्षमता बेहतर होती है. अगर इसमें कम कैलोरी वाला खाना, फलों और सब्ज़ियों की ख़ुराक को जोड़ दें तो एक आदर्श खान पान का चार्ट तैयार दिखता है.
मीठा-तीखा समाधान
जापान के ओकिनावा द्वीप के लोग शकरकंद और कड़वा तरबूज़ बहुत खाते हैं.
शकरकंद में विटामिन ए, सी और ई प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मिलने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर कम करता है. शकरकंद में फाइबर बहुत होते हैं, जो हमारा पेट साफ़ रखते हैं.
इसी तरह कड़वा तरबूज़ जो ब्लैक टी जैसा लगता है, जो ओकिनावा के लोगों को डायबिटीज़ जैसी बीमारियों से बचाता है.
शानदार नज़ारों वाले इलाक़े
दुनिया के जिन ब्लू ज़ोन का हमने ज़िक्र किया, वो बेहद ख़ूबसूरत मंज़र वाले हैं.
जैसे कि इटली का सार्डीनिया. ये पहाड़ी इलाक़ा बेहद ख़ूबसूरत है. यहां खेती करने वालों को अक्सर पहाड़ियों पर चढ़ना उतरना पड़ता है. इससे उनकी वर्ज़िश भी हो जाती है.
वहीं, ग्रीस के इकारिया में हल्की रेडियो एक्टिविटी के लक्षण मिले हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि ये रेडियोएक्टिव तत्व इस द्वीप के झरनों में मिलते हैं. इकारिया के रहने वाले इन झरनों को अमरता के झरने कहते हैं.
इसी तरह कैलिफ़ोर्निया का लोमा लिंडा भी हल्के रेडिएशन के लिए जाना जाता है. हालांकि इसके फ़ायदे अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं.
संयम का सिद्धांत
कुल मिलाकर कहें तो ब्लू ज़ोन में रहने वालों की लंबी उम्र का राज़ कोई एक नहीं है बल्कि इसके कई कारण हैं.
फलों और सब्ज़ियों से भरपूर मगर कम खाना, नियमित रूप से वर्ज़िश करना, कॉफ़ी-पीना और अपने मुश्किल दौर में आध्यात्म की शरण लेना. ये वो कारण हैं, जो ब्लू ज़ोन में रहने वालों की उम्र बढ़ाते हैं. आप भी इन नुस्खों को अपनी ज़िंदगी में अमल में ला सकते हैं.
-BBC
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