बिहार की राजनीति में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान से बवाल मचा हुआ है। ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान दे डाला। उसके बाद बीजेपी ने जेडीयू नेता को चौतरफा घेर लिया। ललन सिंह अब पीएम मोदी पर टिप्पणी के मामले में बैकफुट पर आ गए हैं। बीजेपी नेताओं ने ललन सिंह से जवाब मांगते हुए उन पर तगड़ा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की यही भाषा है?
रविशंकर का ललन पर हमला
रविशंकर प्रसाद ने ललन सिंह की टिप्पणी पर कहा कि आज तक किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी ओछी (गलत) भाषा का प्रयोग कभी नहीं किया है। उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा कि ललन बाबू चुनाव में आप नरेंद्र मोदी के नाम पर जीते थे। आपकी ये टिप्पणी बिहार की पिछड़ी जनता और वहां के लोगों का अपमान है।
ललन सिंह ने क्या कहा था
ललन सिंह ने पीएम मोदी को 12 दिन में 12 रूप बदलने वाला बहुरुपिया तक बता दिया। बेहद निजी हमले किए। उन्होंने पीएम मोदी को डुप्लिकेट ओबीसी भी बताया। ललन सिंह ने कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी का जो चरित्र है, वो चरित्र बहुत गड़बड़ है। हाथी का दू दांत होता है, एगो खानेवाला और एगो दिखानेवाला। उसका एगो दिखानेवाला दांत होता है। बताइए न…2014 के चुनाव में इस देश के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, पूरे देश में घूम कर कह गए कि हम अतिपिछड़ा हैं…हम अतिपिछड़ा हैं। गुजरात में अतिपछड़ा है? गुजरात में अतिपिछड़ा नहीं है। गुजरात में पिछड़ा वर्ग है। ये तो उस पिछड़ा वर्ग में भी नहीं थे। जब ये मुख्यमंत्री बने गुजरात के तब इन्होंने अपने समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया। ये तो डुप्लिकेट हैं, ओरिजनल कहां से आ गए? अब ये डुप्लिकेट आदमी घूम-घूम के पूरे देश में कह रहे हैं कि हम अतिपिछड़ा जाति से हैं।’
सुशील मोदी ने किया था ललन सिंह पर हमला
टिप्पणी का जवाब देते हुए राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ललन सिंह पर जबरदस्त हमला किया था। सुशील मोदी ने कहा कि पीएम के लिए डुप्लीकेट पिछड़ा जैसे ओछे शब्द बोल कर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अतिपिछड़ों का अपमान किया है। यह बयान पार्टी की पिछड़ा-विरोधी सामंती मानसिकता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में बिहार के अतिपिछड़ों ने दिखा दिया था कि वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं। नीतीश कुमार के साथ नहीं। उस समय जद-यू केवल दो सीट जीत पाया था। सुशील मोदी ने कहा कि पहले अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिये बिना निकाय चुनाव कराने की नीतीश कुमार की जिद और अब पीएम मोदी की जाति पर जदयू प्रमुख की टिप्पणी से जलन-द्वेष की जो राजनीति की जा रही है। उसका परिणाम महागठबंधन को 2024 में जीरो पर आउट होकर भुगतना पड़ेगा।
-एजेंसी
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