मणिपुर को तीन केंद्र शासित प्रदेश में बांटने की भाजपा विधायक की मांग, बोले- तभी शांति होगी

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मैतई संगठन बंटवारे के खिलाफ

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मैतई संगठनों के समूह COCOMI (कॉर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटेग्रिटी) मणिपुर के किसी भी बंटवारे की मांग का विरोध कर चुके हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, केंद्र सरकार भी राज्य के बंटवारे के समर्थन में नहीं है। हाओकिप के सुझाव के आलोचकों का कहना है कि बंटवारे से राज्य में कुकी, मैतई और नागा जनजाति के अलग-अलग क्षेत्र बन जाएंगे लेकिन जिन जगहों पर मिश्रित आबादी है, वहां काफी परेशानी होगी।

हिंसा में अब तक मारे गए 160 से ज्यादा लोग

बता दें कि मणिपुर में हिंसा की शुरुआत तीन मई से हुई थी और अब तक यह जारी है। इस हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापन झेल रहे हैं। राज्य में मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और यह अधिकतर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नागा और कुकी जनजाति के लोगों की संख्या कुल आबादी की 40 प्रतिशत है और यह राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।

चुराचांदपुर जिले की सैकोट सीट से भाजपा विधायक हाओकिप और अन्य कुकी नेता मानते हैं कि बहुमत वाला समुदाय राज्य के संसाधनों के आवंटन को नियंत्रित कर रहा है। कुकी नेता ने आदिवासियों की जमीन को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने पर भी नाराजगी जाहिर की और आरोप लगाया कि आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।

कुकी समुदाय का ये है आरोप

भाजपा विधायक ने कहा कि इस साल मणिपुर सरकार ने वन कानून के तहत वनों की सुरक्षा के नाम पर कई कुकी गांवों पर बुलडोजर चलवा दिया था। परिसीमन रिपोर्ट पर रोक लगने से भी कुकी समुदाय में नाराजगी है। कुकी नेताओं का मानना है कि उनके समुदाय की जनसंख्या को देखते हुए परिसीमन के बाद उनकी सीटों की संख्या बढ़ सकती है।

मैतई संगठन कुकी समुदाय पर ड्रग तस्करी में शामिल होने और म्यांमार से अवैध रूप से भारत में दाखिल होने का भी आरोप लगाते हैं। हालांकि कुकी समुदाय इन आरोपों को खारिज करता है। कुकी भाजपा विधायक हाओकिप का कहना है कि कुकी समुदाय ने अंग्रेजों से भी लड़ाई लड़ी थी और सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में कुकी समुदाय के लोग शामिल थे।

Compiled: up18 News