बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने बताई शिवसेना में पिछले साल हुई बगावत की असल वजह, सियासत गर्म

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शरद पवार के टारगेट से डरे शिवसैनिक?

चंद्रशेखर बावनकुले ने यह दावा भी किया है कि इस काम के लिए महाविकास अघाड़ी के संयोजक शरद पवार ने पार्टी को चुनाव में 100 विधायक चुनकर लाने का टारगेट भी दिया था।

उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे मंत्रालय नहीं जा रहे थे वहीं अजित पवार बतौर उपमुख्‍यमंत्री मंत्रालय में काम कर रहे थे। शरद पवार के इसी टारगेट की वजह से शिवसेना के विधायकों को जीत का डर सताने लगा जो बाद में बगावत के रूप में बदल गया। महाराष्ट्र की सियासत में साल 2022 जून का महीना हमेशा याद रखा जायेगा।

इस महीने शिवसेना में बगावत हुई और आखिर में एकनाथ शिंदे और बीजेपी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार को हटाकर शिंदे- फडणवीस सरकार का गठन किया। इस दौरान पार्टी के 40 विधायकों और 13 सांसदों ने भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया। दोनों तरफ से यह जंग चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी गई।

उद्धव ठाकरे को एक और झटका

स्थापना दिन के पहले उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है। पार्टी की विधायक मनीषा कायंदे ने एकनाथ शिंदे गुट शामिल हो गयी हैं। इस बात की भनक लगते उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। वहीं संजय राउत ने कहा कि मैं पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं। मनीषा कायंदे जैसे लोग किसी कचरे के सामान हैं, जो हवा का झोंका आते ही उड़ जाते हैं।

Compiled: up18 News