बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने कहा, ऐसा लगता है कि स्वामी मौर्य खुद को ही बुद्ध समझ बैठे हैं

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अपर्णा यादव ने कहा, ‘अगर स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने यह बात कही है कि बद्रीनाथ धाम पहले बौद्ध मठ था तो मुझे लगता है वह खुद को बुद्ध ही समझ रहे हैं क्योंकि उनको इतिहास चेक करना चाहिए। डेट्स सारी लिखी हुई है। वह तो सनातन काल से चला आ रहा है। बुद्ध का जन्म कब हुआ और बद्रीनाथ में शंकराचार्य जी ने स्थापना कब कर दी। तो किसी तरीके का दुष्प्रचार नहीं करना चाहिए।’

सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुकीं अपर्णा ने कहा, ‘चलिए ठीक है कि आपका मानना है कि बुद्धम शरणम गच्छामि। बुद्धिस्ट टीचिंग में उनको ज्यादा विश्वास है। वह एक अलग विषय हो सकता है लेकिन किसी भी धर्म के बारे में अज्ञानतापूर्वक इस प्रकार की गंदी और आपत्तिजनक टिप्पणी करना, खासतौर से सनातन धर्म के बारे में करना यह बहुत ही गलत बात है। बहुत गंदी बात है। और तोड़ने की बात कर रहे हैं, हमारा धर्म तो जोड़ने की बात करता है।’

उन्होंने कहा, ‘सनातन धर्म हमेशा से ही जोड़ने का काम करता है और आज इसी वजह से भारत देश है। कितने ही आक्रमणकारी आए। कितने आतातायी आए। वह भी अपनी हिंसात्मक भावना को छोड़कर यही भारत में रह गए। यह सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म का ही पराक्रम है। सनातन धर्म का परिचय है कि वह लोग भी यहां पर आकर शरणार्थी हो गए।’

मुलायम की छोटी बहू ने कहा, ‘इस तरीके की बात करने से पहले उनको ऐतिहासिक साक्ष्य रखने चाहिए अपने पास और और जो भी उनको इस तरीके की राजनीतिक टिप्पणी करने के लिए बोल रहा है, यह सब अच्छी बात नहीं है। चाहे बद्रीधाम हो, केदारनाथ या कोई और। यहां देश ही नहीं दुनिया भर के करोड़ों-करोड़ लोगों की आस्था है।’

गौरतलब है कि सपा महासचिव और एलएलसी मौर्य ने ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा बयान दिया। मौर्य ने कहा है कि मंदिर और मस्जिद से भी पहले वहां पर बौद्ध मठ था। इस दौरान स्वामी मौर्य ने बद्रीनाथ धाम को लेकर भी बयान देते हुए कहा कि विकिपीडिया में लिखा है कि आखिरी शताब्दी तक वह बौद्ध मठ था, उसके बाद उसको शंकराचार्य ने बद्रीनाथ धाम बनाया था।

Compiled: up18 News