बिट्टू का बड़ा खुलासा: पंजाब में पीएम मोदी का काफिला रुकवाने में कांग्रेस का हाथ

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बिट्टू ने दावा किया कि पांच फरवरी 2022 को फिरोजपुर के प्यारेआणा गांव के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफिला रुकवाना पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी की शरारत थी। उनके ही इशारे पर 15 से 20 लोगों का काफिला सड़क पर धरना लगाने गया था और वहां से पीएम मोदी का काफिला वापिस घुमाना पड़ा था।

बिट्टू ने एक निजी चैनल के साथ बातचीत में यह खुलासा किया है। अब बिट्टू के इस दावे से पूर्व सीएम चन्नी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चन्नी लगातार पीएम की सुरक्षा चूक की बात को ही दरकिनार करते रहे हैं।

बिट्टू ने यह भी कहा कि उस दिन अगर पीएम को नहीं रोका जाता तो हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेशों की तरह पंजाब को बॉर्डर स्टेट के नाते इंडस्ट्री में छूट मिलने वाली थी। पीएम मंडी गोबिंदगढ़ को इंडिया का स्टील हब बनाना चाहते थे। मोहाली में आईटी हब बनना था लेकिन चन्नी की वजह से पंजाब का नुकसान हो गया।

2022 का है मामला

पांच फरवरी 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर में रैली करने जाते समय कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। पीएम मोदी 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे। भाजपा ने इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया था। बाद में बठिंडा एयरपोर्ट पर पीएम ने अफसरों से कहा था कि अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट पाया। गृह मंत्रालय ने इस मामले में पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

चन्नी ने कहा था पीएम को कोई खतरा नहीं था

मामले के बाद तत्कालीन सीएम चन्नी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरा बताने का मकसद राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराना है।

चन्नी ने कहा था कि जब प्रदर्शनकारी उनसे एक किलोमीटर से ज्यादा दूर थे तो पीएम की जान को खतरा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि जहां पीएम का काफिला रुका, वहां एक नारा भी नहीं लगा, न ही कोई पत्थर उछाला गया और न ही कोई उनके पास पहुंचा तो उनकी जान को खतरा कैसे हो गया।

-एजेंसी