बिहार की नीतीश सरकार ने जारी किए जातिगत सर्वे के आंकड़े

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नीतीश कुमार ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “आप उनको काहे बधाई नहीं देते.”

पार्टी में विभाजन की किसी संभावना को ख़ारिज करते हुए उन्होंने आगे कहा, “कोई मतलब नहीं है लेकिन अब इन सब चीज का प्रचार होता है. ”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के प्रमुख विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में अहम भूमिका निभाई है. कभी बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए का हिस्सा रही उनकी पार्टी अब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल है.

पत्रकारों ने उनसे ये भी पूछा कि सुशील मोदी का दावा है कि नीतीश कुमार गवर्नर (राज्यपाल) बनना चाहते थे. नीतीश कुमार ने इस दावे को भी ख़ारिज किया.

नीतीश सरकार ने जारी किए जातिगत सर्वे के आंकड़े

बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. जनगणना के मुताबिक़ पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12 फीसदी है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी से अधिक है. वहीं सवर्णों की आबादी 15 फ़ीसदी से कुछ ज़्यादा है.

जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की आबादी 13 करोड़ के करीब है.

अनुसूचित जाति की आबादी 19 फीसदी से ज्यादा है.
पिछड़ों में यादवों की आबादी 14 फीसदी है. मुसहर जाति की आबादी 3 फीसदी. कुर्मी की आबादी 2.87 फीसदी है.
बिहार सरकार के अधिकारियों ने अब से कुछ देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आंकड़ों की जानकारी दी है.

Compiled: up18 News